Wednesday 11 September 2013

हिंदी ब्लॉगिंग हिंदी को मान दिलाने में सार्थक हो सकती है!

हिंदी में ब्लोगिंग वास्तव में एक क्रांतिकारी कदम है, जिसके माध्यम से अनेक रचनाकार, हिंदी प्रेमी, हिंदी भाषी, और आम आदमी अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम हुआ है. इसमें कोई दो राय नहीं कि कोई भी भाषा दो व्यक्तियों, समुदायों के बीच संवाद का प्रमुख माध्यम है. आज हिंदी ब्लोगिंग के बहुत सारे साइट्स उपलब्ध हैं, जहाँ हम अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं. आज से दसेक साल पहले यह सुविधा उतनी लोकप्रिय नहीं थी. पर आज अनेक हिंदी के अखबार, टी वी चैनेल कम्प्यूटर और अंतरजाल के माध्यम से सुलभ हो गए हैं. आप अपने विचार तुरंत वांछित व्यक्ति तक पहुंचा सकते हैं, यहाँ भाषा दीवार नहीं बनती … आप हिंदी, अंग्रेजी या अन्य किसी भी भाषा में अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं.
हमारे भारतीय लोग जब किसी कार्यवश विदेश जाते हैं, तो वहां उन्हें अपनी मातृभूमि और मातृभाषा की खूब याद आती है, और तब वे इसी हिंदी ब्लॉग्गिंग के माध्यम से अपने आपको भारत से जोड़े रखना चाहते हैं. इसी जागरण मंच पर अनेक भारतीय, अप्रवासी भारतीय भी इसी ब्लॉग्गिंग के माध्यम से अपनी मातृभाषा हिंदी को गले लगाये रखते हैं.
ब्लॉग्गिंग की दुनिया ऐसी है, जहाँ संपादकों, समाचार मालिकों की कैची नहीं चलती, आप जो भी कहना चाहते है, जैसे भी कहना चाहते हैं, गद्य के माध्यम से, पद्य के माध्यम से, मुक्त छंद के माध्यम अपने विचार रख सकते हैं. ब्लॉग पर अन्य पाठक या लेखक की प्रतिक्रिया यह बतलाती है कि आपके लेखन से पाठक किस प्रकार प्रभावित हैं. आपके विचार से सहमत हैं अथवा असहमत, साथ ही आपको अपनी लेखन शैली में, या विचार में सुधार का भी अवसर प्रदान करती है. हजारों किलोमीटर दूर बैठा हुआ आदमी अचानक आपका प्रिय बन जाता है, आप उसके सुख दुःख के साझीदार भी बन जाते हैं.
हिंदी ब्लोगिंग इसलिए कि अभी तक हिंदी उपेक्षित थी और हिंदी में लिखने, बोलने वालों को लोग पिछड़ा मानते थे. पिछड़ा न कहलायें इस लिहाज से भी बहुत लोग हिंदी लिखने में रूचि नही रखते थे, पर हिंदी ब्लोगिंग की सुविधा से अधिकांश पढ़े लिखे लोग, कार्यरत या सेवामुक्त, कामकाजी महिलाएं या गृहणियां इस में रुचि ले रही हैं, और अपने खाली समय का सदुपयोग भी कर रही हैं.
आज विश्व में रोज नए नए परिवर्तन हो रहे हैं. परिवर्तन का असर हमारे देश और समाज पर अनिवार्य रूप से हो रहा है, ऐसे में हम अगर अपने आपको एक छोटी सी दुनिया में सीमित कर लेंगे तो हमारा विकास वहीं रुक जाएगा. इसलिए आज जरूरत है एक व्यापक सोच की, खुले मस्तिष्क की और ग्राह्यता की. बड़े बड़े राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन विभिन्न प्रकार के विचारों, आलेखों और उनके प्रचार के जरिये ही संभव हो सका है. इसमें कोई दो राय नहीं कि इन सबमे मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान/सहभागिता रही है. मीडिया हर व्यक्ति तक नहीं पहुँच सकता, पर आप इस ब्लॉग्गिंग के माध्यम से मीडिया तक पहुँच सकते हैं. आज प्रमुख ब्लॉग को हर समाचार पत्र या इलेक्ट्रोनिक मीडिया भी महत्व देने लगा है, जिसका व्यापक प्रचार प्रसार भी हो रहा है.
हिंदी ब्लोगिंग इसलिए कि यह आम भारतीय नागरिक की भाषा है. हिंदी हमारी मातृभाषा, राष्ट्रभाषा और जन भाषा है. आइये इसे और भी समृद्ध बनाये. समृद्धता और सर्वग्राहकता के लिए यह आवश्यक है कि हिंदी में क्लिष्ट तत्सम संस्कृत शब्दों के साथ साथ अन्य भारतीय भाषाओ के शब्दों, अंग्रेजी के शब्दों को भी इनमे समाहित करें. अग्रेंजी में विश्व की अनेक भाषाओँ का समायोजन है, तभी यह व्यापक रूप लेने में सक्षम हो सकी है. इसीलिये हिंदी की उपयोगिता बढ़ाने के लिए हम सबको वैसे ही प्रयास करने होंगे.
जय हिंदी, जय भारत!

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