Saturday 29 September 2018

दिल का मामला है


विश्व ह्रदय दिवस के अवसर पर विशेष
दिल का मामला है... दिल ही तो है... दिल एक मंदिर है... अगर दिल हमारा, शीशे के बदले पत्थर का होता... दिल ने फिर याद किया... दिल ने पुकारा... आदि आदि ... बहुत कुछ लिया जा चुका है दिल के बारे में... पर यह दिल है कि मानता ही नहीं! लेखकों और कवियों के लिए या कहें पूरी मानव जाति के लिए दिल एक अबूझ पहेली-सी है.
वैसे दिल का सम्बन्ध मन-मस्तिष्क से है या ह्रदय से यह भी वैज्ञानिक शोध का विषय हो सकता है पर यहाँ हम ह्रदय की बात करने वाले हैं. विश्व ह्रदय दिवस के अवसर पर हम सबका ह्रदय कितना और कब धड़कता है? यह जानना जरूरी है.   
दिल का इलाज सबसे महंगा इलाज होता है. हार्ट की एक छोटी-सी परेशानी भी लाखों की चपत लगा देती है. कई लोग तो अपना सब कुछ बेच कर भी इलाज नहीं करा पाते, तो कुछ लोगों का सब कुछ दाव पर लग जाता है. लोगों की इसी समस्या को देखते हुए एक ऐसे अस्पताल का निर्माण हुआ है जहां दिल की गंभीर-गंभीर बीमारियों का इलाज मुफ्त में किया जाता है. जी हां, यहां दिल की जांच से लेकर ऑपरेशन तक, सभी कुछ मुफ्त में किया जाता है. और, यह कोई सरकारी अस्पताल नहीं, जहां देखभाल में ढील दी जाए यह एक प्राइवेट अस्पताल है. यहां सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों से लोग इलाज कराने आते हैं. हम उस अस्पताल के बारे में बात करेंगे, पर ह्रदय से सम्बंधित कुछ और जरूरी बातें कर लेते हैं.
वो दौर गया जब सिर्फ 50 साल की उम्र के ही लोगों को हार्ट अटैक का खतरा होता था. क्योंकि अब 30 के उम्र के लोग भी इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आने लगे हैं. इन रोगों का कारण सिर्फ तनाव है और इससे मुक्ति पाने के लिए ये लोग धूम्रपान, नींद की दवाएं, शराब का सेवन करते हैं. जो उन्हें दिल की बीमारी की तरफ ले जा रही है. आपको ये बीमारी ना हो और आप इससे खुद को बचाने के लिए पहले से ही सतर्क कर सकें, इसीलिए हृदय रोगों के लक्षण को बारे में बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर सिंघल दिल की बीमारी के शुरुआती लक्षण बता रहे हैं जिन्हें समय से पहले जान गंभीर दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है. जैसे-1. छाती में बेचैनी महसूस होना, 2. मतली, हार्टबर्न और पेट में दर्द होना 3. हाथ में दर्द होना 4. कई दिनों तक कफ होना 5. सांस लेने में दिक्कतें होना 6. अत्यधिक पसीना आना 7. पैरों में सूजन 8. चक्कर आना या सिर घूमना
इससे बचाव पर डॉ. अमर सिंघल ने कहा, "तनाव से बचें, एक्सरसाइज करके भी दिल का ख्याल रखा जा सकता है. इसके लिए आपको नियमित तौर पर एक्सरसाइज करनी होंगी. दिल से संबंधित किसी भी एक्सरसाइज के लिए डॉक्टर की सलाह भी जरूरी है."
उन्होंने कहा, "दिल की सलामती के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई सही तरीके से हो इसके लिए वॉल्व्स का स्वस्थ और खुला होना बहुत जरूरी है. खड़े होकर की जाने वाली एक्सरसाइज करें, जिससे हृदयतंत्र को लाभ पहुंचे, गहरी सांस लेने से छाती में फैलाव होता है, जिससे दिल को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है."
दुनिया भर में हृदय रोग मौत के सबसे बड़े कारणों में से एक है. वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक एक साल में हृदय रोग के कारण लगभग 1.75 करोड़ लोगों की मौत हो जाती है. इनमें से करीब 67 लाख लोगों की मौत स्ट्रोक से होती है जबकि कोरोनरी हृदय रोग के कारण 74 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं. हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि हृदय की कई समस्याओं के बारे में जागरूकता फैल सके और हृदय की देखभाल सम्बन्धी जानकारी मिल सके. अवीवा लाइफ इंश्योरेंस की मुख्य ग्राहक विपणन और डिजिटल अधिकारी अंजली मल्होत्रा ने व्यस्त जीवन में हृदय समस्याओं को रोकने के लिए पांच सरल और स्मार्ट तरीके सुझाए हैं.
1.
नियमित रूप से व्यायाम करना अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए, प्रत्येक दिन व्यायाम करना चाहिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि धमनियों में लचीलापन रहे, 30-45 मिनट की अवधि के लिए किसी भी शारीरिक गतिविधि के रूप में दैनिक व्यायाम महत्वपूर्ण है.
2.
स्वास्थ्यवर्धक आहार यह एक अच्छी तरह से स्थापित तथ्य है कि सही और स्वास्थ्य वर्धक आहार स्वस्थ हृदय और स्वस्थ जीवन जीने की कुंजी है. इसलिए हरे और पत्तेदार सब्जियों का सेवन सुनिश्चित करें. 3. शरीर का वजन अत्यधिक शरीर के वजन दिल के लिए खतरनाक है. वजन पर नजर रखें क्योंकि यह हाई कोलेस्ट्रॉल की संभावना को बढ़ाता है, जिससे मधुमेह, धमनी रोग का खतरा और रक्तचाप हो सकता है. 4. धूम्रपान और शराब पर नियंत्रण रखें 5. तनाव स्तर की जांच करें- ऐसे कई अध्ययन हुए हैं जिन्होंने स्थापित किया है कि तनाव दिल की समस्याओं का सबसे बड़ा कारण है. इससे दर्द और तकलीफ हो सकती है, चिंता और अवसाद की भावनाएं पैदा हो सकती हैं, और आपकी ऊर्जा कम कर सकता है. तनाव को दूर रखने का प्रयास करें. काम के अलावा अन्य गतिविधियों की तलाश करें जो तनाव के स्तर को नीचे रखने में मदद करें. एक शौक या एक सकारात्मक आत्म-चर्चा करें, संगीत सुनें या अच्छी किताब पढ़ें या ध्यान करें. दिल को सेहतमंद रखने के लिए जरुरत होती है एक हेल्दी लाइफस्टाइल की. जो आजकल के शहरी जीवन में मुश्किल है. इसीलिए विश्व हृदय दिवस पर आपको यहां ऐसे 5 फूड के बारे में बता रहे हैं जो आपके दिल के लिए थोड़े नहीं बल्कि बहुत नुकसानदायक हैं. 1. एनर्जी ड्रिंक्‍स और सोडा 2. चिप्स बच्चे हो या बूढ़े, टिप्स हर किसी के फेवरेट होते हैं. लेकिन ये आपके दिल के लिए बिल्कुल भी अच्‍छे नहीं हैं. 3. पिज्जा, नूडल्‍स और चाइनीज़ फूड. 4. चिकन और 5. कॉफी .
अब जानिए इस ह्रदय अस्पताल के बारे में
छत्तीसगढ़ के रायपुर में मौजूद है श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल. यह भारत का एकमात्र ऐसा अस्पताल है जो बच्चों के हृदय रोगों के इलाज के लिए पूरी तरह समर्पित है. पूरी तरह निःशुल्क सेवा देने वाले इस अस्पताल में दुनिया भर से आए बच्चों का इलाज किया जाता है. 100 बिस्तर वाले इस अस्पताल की स्थापना नवंबर वर्ष 2012 में हुई. पहले यहां सभी उम्र के मरीजों के दिल का इलाज किया जाता था, लेकिन फरवरी वर्ष 2014 से इसे चाइल्ड हार्ट केयर सेंटर के रूप में परिवर्तित कर दिया गया, तब से यह अस्पताल बच्चों के दिल की देखभाल कर रहा है. यह ऐसा अस्पताल है जहां कैश काउंटर नहीं है. मतलब जरूरी जांच, ऑपरेशन, इलाज, रहना और खाना सब कुछ मुफ्त है. इस अस्पताल में भर्ती होने वाले 12 वर्ष तक के बच्चों के साथ दो व्यक्तियों को तथा 12 से 18 वर्ष तक के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के साथ एक व्यक्ति के रहने और खाने की व्यवस्था की जाती है. इस अस्पताल में बच्चों के हृदय रोग के 25 तरह के आपरेशन किए जाते हैं. निजी अस्पतालों में इसका खर्च 3 से 15 लाख रुपये आता है लेकिन यहां यह फ्री है. यहां बेहतर डॉक्टरों की टीम है जो एक दिन में कम से कम पांच ऑपरेशन करती है. जिसमें से तीन आपरेशन ओपन हार्ट सर्जरी का होता है. अस्पताल के शुरू होने के बाद से अब तक यहां 4500 बच्चों के दिल का ऑपरेशन हो चुका है. यहां अपने बच्चों के हृदय का इलाज कराने के लिए छत्तीसगढ़ समेत देश के 28 राज्यों और नौ अन्य देशों के लोग आ चुके हैं. श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल में फिजी के दो बच्चों, पाकिस्तान के नौ बच्चों, बांग्लादेश के 11 बच्चों, नाइजीरिया के आठ बच्चों, नेपाल और श्रीलंका के पांच-पांच बच्चों, अफगानिस्तान के दो बच्चों तथा लाइबेरिया और यमन के एक एक बच्चे के दिल का इलाज किया गया है. वहीं, यहां के चिकित्सकों के दल ने फिजी जाकर 26 बच्चों के दिल का आपरेशन किया था.  यह आंकड़े अप्रैल 2018 तक के हैं. 
इस अस्पताल की एक और खास बात जो कि लोगों को काफी आकर्षित करती है वो है इसका आकार. यह अस्पताल दिल के आकार में बना हुआ है. दिल के आकार वाले 30 एकड़ में फैले इस चिकित्सालय परिसर में सत्य साई सौभाग्यम और नर्सिंग कालेज भी है. सत्य साई सौभाग्यम में कला, संस्कृति, शिक्षा और सामाजिक उत्थान के कार्यक्रम होते रहते हैं. यहां का स्टाफ इसे अस्पताल नहीं बल्कि टैंपल आफ हीलिंग कहते हैं और इसे मंदिर की तरह ही पूजा जाता है. अस्पताल का नियम है कि प्रतिदिन सुबह जिन बच्चों का ऑपरेशन होता है उनके लिए प्रार्थना की जाती है और उनकी लिस्ट देश विदेश में फैले लाखों अनुयायियों को भेजा जाता है. जिससे वह भी प्रार्थना में शामिल हो सकें. अस्पताल के शिशु हृदय रोग विशेषज्ञ अतुल प्रभु कहते हैं कि इसे हम अस्पताल नहीं मंदिर मानते हैं और हम अपना काम भी इसी तरह करते हैं. हम चाहते हैं कि यहां आने वाले बच्चों की मुस्कान लौटा सकें. (आलेख की सारी जानकारी अंतर्जाल से साभार)
-    जिन्दगी जिन्दादिली का नाम है- जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर.

Sunday 23 September 2018

राफेल सौदा : विवाद


न खाऊँगा न खाने दूंगा, - प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ही कहा था. अब कहते हैं एक पूर्व प्रधान मंत्री थे, वे कहते थे कि - हम केंद्र से एक रुपया भेजते हैं तो गरीब जनता तक १५ पैसे ही पहुंचता है. अब गरीबों के खाते में पूरा एक रूपया यानी सौ प्रतिशत जा रहा है. यह बात भी कितना सही है? उपभोक्ता ही बता सकते हैं. उन्ही पूर्व प्रधान मंत्री पर बोफोर्स तोप सौदे पर दलाली और भ्रष्टाचार का आरोप लगा था. उन्होंने संसद में सफाई दी थी “अगर दलाली ली भी गयी है तो उसमे मैं और मेरा परिवार शामिल नहीं है”. यह सभी जानते हैं कि आजतक उस बोफोर्स दलाल को कोई सजा नई हुई. अलबत्ता उस बोफोर्स तोपों का इस्तेमाल कारगिल युद्ध में हुआ और तोपें कारगर साबित हुई.
रक्षा सौदे में दलाली कोई नई बात नहीं है. ताबूत घोटाला एन डी ए सरकार के समय में ही हुए. तहलका कांड उसी समय हुआ था. और भी कई घोटाले सुर्खियाँ बंटे रहे हैं. कभी कोई बाख जाता है कभी किसी की बलि चढ़ जाती है. राजीव गाँधी की सरकार की बलि चढ़ गए थी. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्टिंग ऑपरेशन में नोट गिनते पकडे गए तो इस्तीफ़ा देना पड़ा. केन्द्रीय मंत्री जूदेव को भी इस्तीफ़ा देना पड़ा था. पर किसी ने भी अटल बिहारी बाजपेयी की तरफ उंगली नहीं उठाया.
अब आते हैं मुख्य मुद्दा राफेल सौदे पर. राफेल सौदे को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद भारत में सियासी घमासान मच गया है. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद का कहना है कि अनिल अंबानी के रिलायंस का नाम उन्हें भारत सरकार ने सुझाया था. उनके पास और कोई विकल्प नहीं था. बयान के बाद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला कर पूछा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने जो कहा है वह सही है या नहीं. पीएम मोदी को इस पर सफाई देनी चाहिए. राहुल गांधी ने कहा कि 'फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे पास कोई च्वाइस नहीं थी. हमें एक विकल्प दिया गया था. इसका मतलब है कि वे कह रहे हैं कि भारत के प्राइम मिनिस्टर चोर हैं. पहली बार कोई पूर्व राष्ट्रपति हमारे प्रधानमंत्री को चोर कह रहा है. यह गरिमा पर चोट है. यह किसी सामान्य व्यक्ति ने नहीं कहा, बल्कि पूर्व राष्ट्रपति ने कहा. पीएम को इस पर अपनी सफाई देनी चाहिये, यह सच है या नहीं. २२ सितम्बर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे पर ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और अनिल अंबानी ने संयुक्त रूप से रक्षा बलों पर एक लाख 30 हजार करोड़ की 'सर्जिकल स्ट्राइक' की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपने हमारे जवानों की शहादत का अपमान किया, आपने भारत की आत्मा से धोखा किया है.' 'अब साफ हो गया है कि देश का चौकीदार चोर है. यह देश की जनता के दिमाग में घुस गया है. पीएम इस पर सफाई दें, लेकिन उनके मुंह से आवाज नहीं निकल रही है. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री सीतारमण कहती हैं कि मैं पूरे देश को राफेल का दाम बता दूंगी, फिर कहती हैं कि यह सिक्रेट है. मैंने पार्लियामेंट में कहा कि मेरी मैंक्रोन के साथ मीटिंग हुई और उन्होंने कहा कि भारत सरकार रेट बता सकती है.'
उन्होंने आगे कहा कि '1600 करोड़ रुपये में जहाज खरीदा. अनिल अंबानी ने 12 दिन पहले कंपनी बनाई. एचएएल से कांट्रेक्ट छीना. रक्षामंत्री कहती हैं कि एचएएल यह नहीं कर सकता है, जबकि एचएएल ने कहा कि वे विमान बना सकते हैं. सब झूठ बोल रहे हैं.' 'नरेंद्र मोदी ने स्वयं अंबानी को कांट्रेक्ट दिया. पीएम मोदी ने हिंदुस्तान के लोगों की जेब से पैसा निकाला और अनिल अंबानी की जेब में डाला. राहुल गांधी ने आरोप लगाया, 'प्रधानमंत्री ने बंद कमरे में राफेल सौदे को लेकर बातचीत की और इसे बदलवाया. फ्रांस्वा ओलांद का धन्यवाद कि अब हमें पता चला कि उन्होंने (मोदी) दिवालिया अनिल अंबानी को अरबों डॉलर का सौदा दिलवाया.'
फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक ओलांद ने कथित तौर पर कहा है कि भारत सरकार ने 58,000 करोड़ रुपये के राफेल विमान सौदे में फ्रांस की विमान बनाने वाली कंपनी दसाल्ट एविएशन के ऑफसेट साझेदार के तौर पर रिलायंस डिफेंस का नाम प्रस्तावित किया था और ऐसे में फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था. उनके इस खुलासे के बाद रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ओलांद के बयान की जांच की जा रही है और यह भी कहा गया कि व्यापारिक सौदे में सरकार की कोई भूमिका नहीं है. राफेल डील को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के ख़ुलासे के बाद अब डसाल्ट एविएशन (राफेल की निर्माता कंपनी) ने इस मामले पर बयान जारी कर कहा है कि यह दो सरकारों के बीच समझौता है. इसके अलावा ऑफ़सेट पार्टनर चुनने के लिए अलग समझौते का प्रावधान है.​ राफेल डील को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के ख़ुलासे के बाद इस मामले पर फ्रांस ने कहा कि फ्रांस की सरकार किसी भी तरह से फ्रेंच कंपनी की ओर से चुनी गई, चुनी जा रही या चुने जाने वाले भारतीय पार्टनर के चयन में शामिल नहीं है.​
राफेल सौदे (Rafale Deal) को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार  मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के हमले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्राी अरविंद केजरीवाल ने  कई ट्वीट कर मोदी सरकार पर हमला बोला है और इस मामले में तीन सवाल पूछे हैं. ​
1. आपने ये ठेका अनिल अम्बानी को ही क्यों दिलवाया? और किसी को क्यों नहीं?
2.
अनिल अम्बानी ने कहा है कि उनके आपके साथ व्यक्तिगत सम्बंध हैं।क्या ये सम्बंध व्यवसायिक भी हैं?
3.
राफ़ेल घोटाले का पैसा किसकी जेब में गया- आपकी, भाजपा की या किसी अन्य की?
राफेल डील को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के ख़ुलासे के बाद एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. यूपीए सरकार जब पहली बार फ्रांस की कंपनी दसाल्ट एविएशन से राफेल विमानों की खरीद को लेकर बातचीत कर रही थी तभी हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटिड (HAL) और दसाल्ट के बीच भारत में इन जंगी विमानों के उत्पादन को लेकर गंभीर मतभेदथे.​ बता दें कि अप्रैल 2015 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की यात्रा पर गए थे तब फ्रांस्वा ओलांद ही राष्ट्रपति थे. उन्हीं के साथ राफेल विमान का करार हुआ था. 'मीडियापार्ट फ्रांस' नाम के अख़बार ने पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से पूछा कि रिलायंस को किसने चुना और क्यों चुना तो फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि भारत की सरकार ने ही रिलायंस को प्रस्तावित किया था.
अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनी को साझीदार बनाए जाने के कांग्रेस के हमले के बाद अरुण जेटली जो कि वित्त मंत्री हैं वो ब्लॉग लिखते हैं. कहते हैं कि जेटली इसका जवाब देते हैं कि डील में कोई प्राइवेट कंपनी कैसे आ गई. कहते है कि यूपीए के समय ही शर्त बनी थी कि जो मूल निर्माता कंपनी है वो भारत में कलपुर्ज़ों की आपूर्ति या रखरखाव के लिए खुद से भारतीय कंपनी को साझीदार बना सकती है. इसका सरकार से कोई लेना देना नहीं है. लेकिन इसका जवाब नहीं मिला कि राफेल बनाने वाली डास्सो एविशन कंपनी क्यों एक ऐसी कंपनी को साझीदार बनाएगी, जिसका इस क्षेत्र में अनुभव काफी नया है और आरोप है कि वह कंपनी कुछ ही महीने पहले वजूद में आई है.
प्रशांत भूषण, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी लगातार प्रेस कांफ्रेंस करते हैं. राहुल गांधी ने लगातार इस पर कई प्रेस कांफ्रेंस और ट्वीट किए हैं. निर्मला सीतारमण ने भी जवाब देना शुरू किया है. उन्होंने हाल ही में कहा था कि हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड को इसलिए डील से बाहर किया गया, क्योंकि एचएएल के पास क्षमता नहीं थी. लेकिन १० दिन पहले बनाई गयी कपानी के पास क्षमता कहाँ से और कैसे आ गयी ?
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलान्द के बयान के बाद कि अंबानी का नाम भारत सरकार की तरफ से आया था, राफेल विवाद में संदेह की सूई निर्णायक रूप से नरेंद्र मोदी की तरफ़ मुड़ गई है. 10 अप्रैल 2015 को नरेंद्र मोदी और ओलान्द के बीच ही राफेल करार हुआ था. फ्रांस सरकार ने ओलान्द के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की. फ्रांस सरकार के इस बयान के अनुसार अंबानी के नाम की मंज़ूरी भारत सरकार ने दी है. फ्रांस्वा ओलांद के अनुसार अंबानी का नाम भारत सरकार की तरफ से सुझाया गया था. क्या आपको अब भी कोई इसमें अंतर्विरोध दिखता है? क्या अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में यह बताई थी कि अंबानी की कंपनी को मंज़ूरी सरकार ने दी है? अब तो उन्हें एक और ब्लॉग लिखना ही होगा कि अंबानी का नाम भारत की तरफ़ से किसने दिया था?
अनिल अंबानी की कंपनी जुम्मा जुम्मा चार दिन की थी. सरकारी कंपनी हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) को 50 से अधिक विमान बनाने का अनुभव है. साठ साल पुरानी यह कंपनी डील के आख़िरी चरण में शामिल है, अचानक ग़ायब कर दी जाती है और अनिल अंबानी की कंपनी साझीदार बन जाती है. जबकि डील से दो दिन पहले भारत के विदेश सचिव HAL के शामिल होने की बात कहते हैं. उसके कुछ दिन पहले डास्सो एविएशन के चेयरमैन कहते हैं कि हमने रफाएल के बारे में बात की है. हम HAL के चेयरमैन से इस बात पर सहमत हैं कि हम प्रोडक्शन की ज़िम्मेदारियां साझा करेंगे. मैं मानता हूं कि करार अंतिम चरण में है और जल्दी ही इस पर दस्तख़त हो जाएंगे.
मोदी जी बनारस में बच्चों से कह कर चले आए कि सवाल पूछा करो. क्या अब उन बच्चों को याद दिलाने के लिए लाना होगा कि मोदी जी सवाल पूछा गया है उसका जवाब दिया करो.
अब देखने वाली बात है कि राफेल क्या बोफोर्स साबित होगा या ‘रामजी’ बेड़ा पार करेंगे?
-     --- जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर