Friday 16 August 2013

जश्ने आजादी!

१५ अगस्त
स्वतंत्र भारत
आभा में रत
यही है हमारा भारत!
मिली है, बोलने की आजादी
नेताओं को
मिली है, कुछ भी करने की आजादी
नेताओं को
मिली है,
गरीबी को परिभाषित करने की आजादी
नेताओं को!
“भारत आगे बढ़ रहा है
गरीब भी अब खा रहे हैं
ज्यादा खा रहे हैं
अच्छा खा रहे हैं
मिलता है, ५ रुपये में खाना
१२ रूपये की थाली
दे ताली!
अरे महापूतों,
न कर सकते कुछ अगर
तो चिढाओ तो मत
यही रहा अगर तुम्हारा मत
तो हम दे देंगे
अपना मत
फिर कहना मत
क्योंकि भारत अभी जिन्दा है
गाँव में, गरीबों में
जिसकी तरफ
तुम्हारा रुख होता है
पांच साल में एक बार
और वो समय
आनेवाला है
अभी अभी
बताएगी तुम्हारी औकात
ये जमीं भारत भूमि!
क्योंकि हमने भी पाई है आजादी
अपने मत को इस्तेमाल करने की
आज मैं भी मना रहा हूँ
जश्ने आजादी!

No comments:

Post a Comment