(१६ दिसंबर २०१२ की निर्भया कांड की स्मृति में )
होते है बलात्कार इण्डिया में,
भारत में नहीं !
कहा जिस महोदय ने,
वे देखते नहीं
गांव के खेतों में,
खलिहानों में, गलियों में,
मचानों पर, दुकानों पर,
घरों में, कोह्बरों में
किस तरह तार-तार होती है
महिलाओं की अस्मत!
किस तरह बच्चियां
मसल दी जाती हैं
मासूम कली की तरह
फूल बनने से पहले ही.
कैसे जला दी जाती हैं
नवबधुयें,
दहेज़ के अंगारों में
ये झगड़ा अब
होना चाहिए ख़त्म
भारत और इण्डिया का
एक देश है मेरा
लोक गीत और दांडिया का
लड़नी हैं लड़ाइयां अभी कई कई
बहने बेटियां सुरक्षित रहें सभी
ओ राम सिंह ओ शिव यादव
नालायकों, कायरों,
आशाराम, रामपाल
असंत हो सभी
नाम बदल लेते
कुकर्म से पहले
कापुरुष हैं मुंडिया
भारत हो या इण्डिया
-जवाहर लाल सिंह
होते है बलात्कार इण्डिया में,
भारत में नहीं !
कहा जिस महोदय ने,
वे देखते नहीं
गांव के खेतों में,
खलिहानों में, गलियों में,
मचानों पर, दुकानों पर,
घरों में, कोह्बरों में
किस तरह तार-तार होती है
महिलाओं की अस्मत!
किस तरह बच्चियां
मसल दी जाती हैं
मासूम कली की तरह
फूल बनने से पहले ही.
कैसे जला दी जाती हैं
नवबधुयें,
दहेज़ के अंगारों में
ये झगड़ा अब
होना चाहिए ख़त्म
भारत और इण्डिया का
एक देश है मेरा
लोक गीत और दांडिया का
लड़नी हैं लड़ाइयां अभी कई कई
बहने बेटियां सुरक्षित रहें सभी
ओ राम सिंह ओ शिव यादव
नालायकों, कायरों,
आशाराम, रामपाल
असंत हो सभी
नाम बदल लेते
कुकर्म से पहले
कापुरुष हैं मुंडिया
भारत हो या इण्डिया
-जवाहर लाल सिंह
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