विश्व ह्रदय दिवस के अवसर
पर विशेष
दिल का
मामला है... दिल ही तो है... दिल एक मंदिर है... अगर दिल हमारा, शीशे के बदले
पत्थर का होता... दिल ने फिर याद किया... दिल ने पुकारा... आदि आदि ... बहुत कुछ
लिया जा चुका है दिल के बारे में... पर यह दिल है कि मानता ही नहीं! लेखकों और
कवियों के लिए या कहें पूरी मानव जाति के लिए दिल एक अबूझ पहेली-सी है.
वैसे
दिल का सम्बन्ध मन-मस्तिष्क से है या ह्रदय से यह भी वैज्ञानिक शोध का विषय हो
सकता है पर यहाँ हम ह्रदय की बात करने वाले हैं. विश्व ह्रदय दिवस के अवसर पर हम
सबका ह्रदय कितना और कब धड़कता है? यह जानना जरूरी है.
दिल का इलाज सबसे महंगा
इलाज होता है. हार्ट की एक छोटी-सी परेशानी भी लाखों की चपत लगा देती है. कई लोग
तो अपना सब कुछ बेच कर भी इलाज नहीं करा पाते, तो कुछ
लोगों का सब कुछ दाव पर लग जाता है. लोगों की इसी समस्या को देखते हुए एक ऐसे
अस्पताल का निर्माण हुआ है जहां दिल की गंभीर-गंभीर बीमारियों का इलाज मुफ्त में किया
जाता है. जी हां, यहां दिल की जांच से लेकर ऑपरेशन तक, सभी कुछ मुफ्त में किया जाता है. और, यह कोई सरकारी अस्पताल नहीं, जहां देखभाल में ढील दी जाए यह एक प्राइवेट अस्पताल
है. यहां सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों से लोग इलाज कराने आते हैं. हम उस अस्पताल के बारे
में बात करेंगे, पर ह्रदय से सम्बंधित कुछ और जरूरी बातें कर लेते हैं.
वो दौर गया जब सिर्फ 50 साल की उम्र के ही लोगों को हार्ट अटैक का खतरा होता था. क्योंकि अब 30 के उम्र के लोग भी इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आने लगे हैं. इन रोगों का कारण सिर्फ तनाव है और इससे मुक्ति पाने के लिए ये लोग धूम्रपान, नींद की दवाएं, शराब का सेवन करते हैं. जो उन्हें दिल की बीमारी की तरफ ले जा रही है. आपको ये बीमारी ना हो और आप इससे खुद को बचाने के लिए पहले से ही सतर्क कर सकें, इसीलिए हृदय रोगों के लक्षण को बारे में बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर सिंघल दिल की बीमारी के शुरुआती लक्षण बता रहे हैं जिन्हें समय से पहले जान गंभीर दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है. जैसे-1. छाती में बेचैनी महसूस होना, 2. मतली, हार्टबर्न और पेट में दर्द होना 3. हाथ में दर्द होना 4. कई दिनों तक कफ होना 5. सांस लेने में दिक्कतें होना 6. अत्यधिक पसीना आना 7. पैरों में सूजन 8. चक्कर आना या सिर घूमना
इससे बचाव पर डॉ. अमर सिंघल ने कहा, "तनाव से बचें, एक्सरसाइज करके भी दिल का ख्याल रखा जा सकता है. इसके लिए आपको नियमित तौर पर एक्सरसाइज करनी होंगी. दिल से संबंधित किसी भी एक्सरसाइज के लिए डॉक्टर की सलाह भी जरूरी है."
उन्होंने कहा, "दिल की सलामती के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई सही तरीके से हो इसके लिए वॉल्व्स का स्वस्थ और खुला होना बहुत जरूरी है. खड़े होकर की जाने वाली एक्सरसाइज करें, जिससे हृदयतंत्र को लाभ पहुंचे, गहरी सांस लेने से छाती में फैलाव होता है, जिससे दिल को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है."
वो दौर गया जब सिर्फ 50 साल की उम्र के ही लोगों को हार्ट अटैक का खतरा होता था. क्योंकि अब 30 के उम्र के लोग भी इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आने लगे हैं. इन रोगों का कारण सिर्फ तनाव है और इससे मुक्ति पाने के लिए ये लोग धूम्रपान, नींद की दवाएं, शराब का सेवन करते हैं. जो उन्हें दिल की बीमारी की तरफ ले जा रही है. आपको ये बीमारी ना हो और आप इससे खुद को बचाने के लिए पहले से ही सतर्क कर सकें, इसीलिए हृदय रोगों के लक्षण को बारे में बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर सिंघल दिल की बीमारी के शुरुआती लक्षण बता रहे हैं जिन्हें समय से पहले जान गंभीर दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है. जैसे-1. छाती में बेचैनी महसूस होना, 2. मतली, हार्टबर्न और पेट में दर्द होना 3. हाथ में दर्द होना 4. कई दिनों तक कफ होना 5. सांस लेने में दिक्कतें होना 6. अत्यधिक पसीना आना 7. पैरों में सूजन 8. चक्कर आना या सिर घूमना
इससे बचाव पर डॉ. अमर सिंघल ने कहा, "तनाव से बचें, एक्सरसाइज करके भी दिल का ख्याल रखा जा सकता है. इसके लिए आपको नियमित तौर पर एक्सरसाइज करनी होंगी. दिल से संबंधित किसी भी एक्सरसाइज के लिए डॉक्टर की सलाह भी जरूरी है."
उन्होंने कहा, "दिल की सलामती के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई सही तरीके से हो इसके लिए वॉल्व्स का स्वस्थ और खुला होना बहुत जरूरी है. खड़े होकर की जाने वाली एक्सरसाइज करें, जिससे हृदयतंत्र को लाभ पहुंचे, गहरी सांस लेने से छाती में फैलाव होता है, जिससे दिल को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है."
दुनिया भर में हृदय रोग मौत के सबसे बड़े कारणों में से एक है. वर्ल्ड हार्ट
फेडरेशन के मुताबिक एक साल में हृदय रोग के कारण लगभग 1.75 करोड़ लोगों की मौत हो
जाती है. इनमें से करीब 67 लाख लोगों की मौत स्ट्रोक से होती है जबकि कोरोनरी हृदय रोग के कारण 74 लाख लोग अपनी जान गंवाते
हैं. हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि हृदय की कई समस्याओं
के बारे में जागरूकता फैल सके और हृदय की देखभाल सम्बन्धी जानकारी मिल सके. अवीवा
लाइफ इंश्योरेंस की मुख्य ग्राहक विपणन और डिजिटल अधिकारी अंजली मल्होत्रा ने
व्यस्त जीवन में हृदय समस्याओं को रोकने के लिए पांच सरल और स्मार्ट तरीके सुझाए
हैं.
1. नियमित रूप से व्यायाम करना अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए, प्रत्येक दिन व्यायाम करना चाहिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि धमनियों में लचीलापन रहे, 30-45 मिनट की अवधि के लिए किसी भी शारीरिक गतिविधि के रूप में दैनिक व्यायाम महत्वपूर्ण है.
2. स्वास्थ्यवर्धक आहार यह एक अच्छी तरह से स्थापित तथ्य है कि सही और स्वास्थ्य वर्धक आहार स्वस्थ हृदय और स्वस्थ जीवन जीने की कुंजी है. इसलिए हरे और पत्तेदार सब्जियों का सेवन सुनिश्चित करें. 3. शरीर का वजन अत्यधिक शरीर के वजन दिल के लिए खतरनाक है. वजन पर नजर रखें क्योंकि यह हाई कोलेस्ट्रॉल की संभावना को बढ़ाता है, जिससे मधुमेह, धमनी रोग का खतरा और रक्तचाप हो सकता है. 4. धूम्रपान और शराब पर नियंत्रण रखें 5. तनाव स्तर की जांच करें- ऐसे कई अध्ययन हुए हैं जिन्होंने स्थापित किया है कि तनाव दिल की समस्याओं का सबसे बड़ा कारण है. इससे दर्द और तकलीफ हो सकती है, चिंता और अवसाद की भावनाएं पैदा हो सकती हैं, और आपकी ऊर्जा कम कर सकता है. तनाव को दूर रखने का प्रयास करें. काम के अलावा अन्य गतिविधियों की तलाश करें जो तनाव के स्तर को नीचे रखने में मदद करें. एक शौक या एक सकारात्मक आत्म-चर्चा करें, संगीत सुनें या अच्छी किताब पढ़ें या ध्यान करें. दिल को सेहतमंद रखने के लिए जरुरत होती है एक हेल्दी लाइफस्टाइल की. जो आजकल के शहरी जीवन में मुश्किल है. इसीलिए विश्व हृदय दिवस पर आपको यहां ऐसे 5 फूड के बारे में बता रहे हैं जो आपके दिल के लिए थोड़े नहीं बल्कि बहुत नुकसानदायक हैं. 1. एनर्जी ड्रिंक्स और सोडा 2. चिप्स बच्चे हो या बूढ़े, टिप्स हर किसी के फेवरेट होते हैं. लेकिन ये आपके दिल के लिए बिल्कुल भी अच्छे नहीं हैं. 3. पिज्जा, नूडल्स और चाइनीज़ फूड. 4. चिकन और 5. कॉफी .
1. नियमित रूप से व्यायाम करना अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए, प्रत्येक दिन व्यायाम करना चाहिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि धमनियों में लचीलापन रहे, 30-45 मिनट की अवधि के लिए किसी भी शारीरिक गतिविधि के रूप में दैनिक व्यायाम महत्वपूर्ण है.
2. स्वास्थ्यवर्धक आहार यह एक अच्छी तरह से स्थापित तथ्य है कि सही और स्वास्थ्य वर्धक आहार स्वस्थ हृदय और स्वस्थ जीवन जीने की कुंजी है. इसलिए हरे और पत्तेदार सब्जियों का सेवन सुनिश्चित करें. 3. शरीर का वजन अत्यधिक शरीर के वजन दिल के लिए खतरनाक है. वजन पर नजर रखें क्योंकि यह हाई कोलेस्ट्रॉल की संभावना को बढ़ाता है, जिससे मधुमेह, धमनी रोग का खतरा और रक्तचाप हो सकता है. 4. धूम्रपान और शराब पर नियंत्रण रखें 5. तनाव स्तर की जांच करें- ऐसे कई अध्ययन हुए हैं जिन्होंने स्थापित किया है कि तनाव दिल की समस्याओं का सबसे बड़ा कारण है. इससे दर्द और तकलीफ हो सकती है, चिंता और अवसाद की भावनाएं पैदा हो सकती हैं, और आपकी ऊर्जा कम कर सकता है. तनाव को दूर रखने का प्रयास करें. काम के अलावा अन्य गतिविधियों की तलाश करें जो तनाव के स्तर को नीचे रखने में मदद करें. एक शौक या एक सकारात्मक आत्म-चर्चा करें, संगीत सुनें या अच्छी किताब पढ़ें या ध्यान करें. दिल को सेहतमंद रखने के लिए जरुरत होती है एक हेल्दी लाइफस्टाइल की. जो आजकल के शहरी जीवन में मुश्किल है. इसीलिए विश्व हृदय दिवस पर आपको यहां ऐसे 5 फूड के बारे में बता रहे हैं जो आपके दिल के लिए थोड़े नहीं बल्कि बहुत नुकसानदायक हैं. 1. एनर्जी ड्रिंक्स और सोडा 2. चिप्स बच्चे हो या बूढ़े, टिप्स हर किसी के फेवरेट होते हैं. लेकिन ये आपके दिल के लिए बिल्कुल भी अच्छे नहीं हैं. 3. पिज्जा, नूडल्स और चाइनीज़ फूड. 4. चिकन और 5. कॉफी .
अब जानिए इस ह्रदय अस्पताल के बारे में
छत्तीसगढ़ के रायपुर में मौजूद है श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल. यह भारत का एकमात्र ऐसा अस्पताल है जो बच्चों के हृदय रोगों के इलाज के लिए पूरी तरह समर्पित है. पूरी तरह निःशुल्क सेवा देने वाले इस अस्पताल में दुनिया भर से आए बच्चों का इलाज किया जाता है. 100 बिस्तर वाले इस अस्पताल की स्थापना नवंबर वर्ष 2012 में हुई. पहले यहां सभी उम्र के मरीजों के दिल का इलाज किया जाता था, लेकिन फरवरी वर्ष 2014 से इसे चाइल्ड हार्ट केयर सेंटर के रूप में परिवर्तित कर दिया गया, तब से यह अस्पताल बच्चों के दिल की देखभाल कर रहा है. यह ऐसा अस्पताल है जहां कैश काउंटर नहीं है. मतलब जरूरी जांच, ऑपरेशन, इलाज, रहना और खाना सब कुछ मुफ्त है. इस अस्पताल में भर्ती होने वाले 12 वर्ष तक के बच्चों के साथ दो व्यक्तियों को तथा 12 से 18 वर्ष तक के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के साथ एक व्यक्ति के रहने और खाने की व्यवस्था की जाती है. इस अस्पताल में बच्चों के हृदय रोग के 25 तरह के आपरेशन किए जाते हैं. निजी अस्पतालों में इसका खर्च 3 से 15 लाख रुपये आता है लेकिन यहां यह फ्री है. यहां बेहतर डॉक्टरों की टीम है जो एक दिन में कम से कम पांच ऑपरेशन करती है. जिसमें से तीन आपरेशन ओपन हार्ट सर्जरी का होता है. अस्पताल के शुरू होने के बाद से अब तक यहां 4500 बच्चों के दिल का ऑपरेशन हो चुका है. यहां अपने बच्चों के हृदय का इलाज कराने के लिए छत्तीसगढ़ समेत देश के 28 राज्यों और नौ अन्य देशों के लोग आ चुके हैं. श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल में फिजी के दो बच्चों, पाकिस्तान के नौ बच्चों, बांग्लादेश के 11 बच्चों, नाइजीरिया के आठ बच्चों, नेपाल और श्रीलंका के पांच-पांच बच्चों, अफगानिस्तान के दो बच्चों तथा लाइबेरिया और यमन के एक एक बच्चे के दिल का इलाज किया गया है. वहीं, यहां के चिकित्सकों के दल ने फिजी जाकर 26 बच्चों के दिल का आपरेशन किया था. यह आंकड़े अप्रैल 2018 तक के हैं.
इस अस्पताल की एक और खास बात जो कि लोगों को काफी आकर्षित करती है वो है इसका आकार. यह अस्पताल दिल के आकार में बना हुआ है. दिल के आकार वाले 30 एकड़ में फैले इस चिकित्सालय परिसर में सत्य साई सौभाग्यम और नर्सिंग कालेज भी है. सत्य साई सौभाग्यम में कला, संस्कृति, शिक्षा और सामाजिक उत्थान के कार्यक्रम होते रहते हैं. यहां का स्टाफ इसे अस्पताल नहीं बल्कि टैंपल आफ हीलिंग कहते हैं और इसे मंदिर की तरह ही पूजा जाता है. अस्पताल का नियम है कि प्रतिदिन सुबह जिन बच्चों का ऑपरेशन होता है उनके लिए प्रार्थना की जाती है और उनकी लिस्ट देश विदेश में फैले लाखों अनुयायियों को भेजा जाता है. जिससे वह भी प्रार्थना में शामिल हो सकें. अस्पताल के शिशु हृदय रोग विशेषज्ञ अतुल प्रभु कहते हैं कि इसे हम अस्पताल नहीं मंदिर मानते हैं और हम अपना काम भी इसी तरह करते हैं. हम चाहते हैं कि यहां आने वाले बच्चों की मुस्कान लौटा सकें. (आलेख की सारी जानकारी अंतर्जाल से साभार)
छत्तीसगढ़ के रायपुर में मौजूद है श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल. यह भारत का एकमात्र ऐसा अस्पताल है जो बच्चों के हृदय रोगों के इलाज के लिए पूरी तरह समर्पित है. पूरी तरह निःशुल्क सेवा देने वाले इस अस्पताल में दुनिया भर से आए बच्चों का इलाज किया जाता है. 100 बिस्तर वाले इस अस्पताल की स्थापना नवंबर वर्ष 2012 में हुई. पहले यहां सभी उम्र के मरीजों के दिल का इलाज किया जाता था, लेकिन फरवरी वर्ष 2014 से इसे चाइल्ड हार्ट केयर सेंटर के रूप में परिवर्तित कर दिया गया, तब से यह अस्पताल बच्चों के दिल की देखभाल कर रहा है. यह ऐसा अस्पताल है जहां कैश काउंटर नहीं है. मतलब जरूरी जांच, ऑपरेशन, इलाज, रहना और खाना सब कुछ मुफ्त है. इस अस्पताल में भर्ती होने वाले 12 वर्ष तक के बच्चों के साथ दो व्यक्तियों को तथा 12 से 18 वर्ष तक के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के साथ एक व्यक्ति के रहने और खाने की व्यवस्था की जाती है. इस अस्पताल में बच्चों के हृदय रोग के 25 तरह के आपरेशन किए जाते हैं. निजी अस्पतालों में इसका खर्च 3 से 15 लाख रुपये आता है लेकिन यहां यह फ्री है. यहां बेहतर डॉक्टरों की टीम है जो एक दिन में कम से कम पांच ऑपरेशन करती है. जिसमें से तीन आपरेशन ओपन हार्ट सर्जरी का होता है. अस्पताल के शुरू होने के बाद से अब तक यहां 4500 बच्चों के दिल का ऑपरेशन हो चुका है. यहां अपने बच्चों के हृदय का इलाज कराने के लिए छत्तीसगढ़ समेत देश के 28 राज्यों और नौ अन्य देशों के लोग आ चुके हैं. श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल में फिजी के दो बच्चों, पाकिस्तान के नौ बच्चों, बांग्लादेश के 11 बच्चों, नाइजीरिया के आठ बच्चों, नेपाल और श्रीलंका के पांच-पांच बच्चों, अफगानिस्तान के दो बच्चों तथा लाइबेरिया और यमन के एक एक बच्चे के दिल का इलाज किया गया है. वहीं, यहां के चिकित्सकों के दल ने फिजी जाकर 26 बच्चों के दिल का आपरेशन किया था. यह आंकड़े अप्रैल 2018 तक के हैं.
इस अस्पताल की एक और खास बात जो कि लोगों को काफी आकर्षित करती है वो है इसका आकार. यह अस्पताल दिल के आकार में बना हुआ है. दिल के आकार वाले 30 एकड़ में फैले इस चिकित्सालय परिसर में सत्य साई सौभाग्यम और नर्सिंग कालेज भी है. सत्य साई सौभाग्यम में कला, संस्कृति, शिक्षा और सामाजिक उत्थान के कार्यक्रम होते रहते हैं. यहां का स्टाफ इसे अस्पताल नहीं बल्कि टैंपल आफ हीलिंग कहते हैं और इसे मंदिर की तरह ही पूजा जाता है. अस्पताल का नियम है कि प्रतिदिन सुबह जिन बच्चों का ऑपरेशन होता है उनके लिए प्रार्थना की जाती है और उनकी लिस्ट देश विदेश में फैले लाखों अनुयायियों को भेजा जाता है. जिससे वह भी प्रार्थना में शामिल हो सकें. अस्पताल के शिशु हृदय रोग विशेषज्ञ अतुल प्रभु कहते हैं कि इसे हम अस्पताल नहीं मंदिर मानते हैं और हम अपना काम भी इसी तरह करते हैं. हम चाहते हैं कि यहां आने वाले बच्चों की मुस्कान लौटा सकें. (आलेख की सारी जानकारी अंतर्जाल से साभार)
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जिन्दगी जिन्दादिली का नाम है- जवाहर लाल सिंह,
जमशेदपुर.
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