Saturday, 15 September 2018

'स्वच्छता ही सेवा अभियान'


यूं तो श्री गणेश चतुर्थी के कुछ दिन पहले से ही सफाई का श्रीगणेश(शुभारम्भ) हो गया था. क्योंकि किसी भी पूजा, पर्व या त्योहार के मूल में सफाई प्रथम है. सफाई-सुथराई के बाद ही हम पूजा-पाठ करते हैं. महाराष्ट्र के मुंबई शहर में गणपति पूजन का त्योहार बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है. पर अब देश के कई राज्यों, आंध्र, तेलंगाना, तमिलनाडु सहित उत्तर पूर्व के कई राज्यों में धूम-धाम से मनाया जाने लगा है. गणपति की मूर्तियों तथा पूजा पंडालों  के निर्माण में प्राकृतिक सामानों के प्रयोग कर पर्यावरण को साफ़ और स्वस्थ रखने का हर संभव प्रयास किया गया है. एक जागरूकता सी पैदा हुई है लोगों में कि हमे अपने पर्यावरण को साफ़ सुथरा रखना है.
यूं तो सफाई के महत्व से कोई इनकार नहीं कर सकता, पर कहा यह जाता है हमारे भारत में इस पर पहल करने वाले भी महात्मा गाँधी ही थे. धर्म-स्थलों, गरीबों की बस्तियों की गंदगी देखकर वे बहुत दुखी होते थे. सफाई के लिए जनांदोलन की प्रथम शुरुआत उन्होंने ही की. उनका मानना था कि स्वच्छता ईश्वर भक्ति के सामान है. उसके बाद हालाँकि सफाई कार्यक्रम अनवरत रूप से जारी थे, पर फिर से उसे गति प्रदान करने का काम हमारे वर्तमान प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया. १५ अगस्त के अपने पहले संबोधन में ही उन्होंने सफाई के प्रति स्वच्छ भारत की घोषणा कर दी. स्वच्छ भारत के प्रतीक के रूप में भी उन्होंने महात्मा गाँधी के चश्मे को चुना जिसके दोनों शीशों पर ‘स्वच्छ भारत’ लिखवाया.  इस स्वच्छता अभियान की शुरुआत भी उन्होंने महात्मा  गाँधी की जयन्ती २ अक्टूबर से ही दिल्ली के पास ही बाल्मीकि नगर की बस्तियों में सफाई की शुरुआत खुद से झाड़ू लगाकर की. उन्होंने कई जानी-मानी हस्तियों को इस अभियान में शामिल होने के लिए आह्वान किया. लोग आगे आये और खुद से झाड़ू लगाकर इस अभियान को बल दिया. यह कार्यक्रम चलता रहा अब चूंकि २०१९ में महात्मा गाँधी की १५० वीं जयंती मनाई जानी है तो श्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि २०१९ में सम्पूर्ण भारत स्वच्छ भारत के रूप में जाना जाएगा.  
श्री मोदी के अनुसार 'स्वच्छता ही सेवा अभियान' का उद्देश्य बापू के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करना है. स्वच्छ भारत से रोगों से निपटने में मदद मिलेगी. पिछले 4 साल में देश में 9 करोड़ टॉयलट बनाए गए. स्वच्छ्ता की कमी गरीबों को रोगों के दलदल में धकेल देती है. इस मौके पर अमिताभ बच्चन ने कहा कि मुंबई के वर्सोवा बीच में काफी गंदगी थी, उसे हम सबने मिलकर साफ किया गया. वर्सोवा बीच की सफाई के लिए मशीनों और कूड़ा उठाने वाले वाहन की व्यवस्था मैंने करवाई. पीएम मोदी ने कहा कि अमिताभ बच्चन ने स्वच्छता के लिए लोगों को जागरूक किया, उन्हें बधाई. स्वच्छता ही नहीं, कई सामाजिक अभियानों में अमिताभ बच्चन जी का योगदान है. इस मौके पर रतन टाटा ने कहा कि स्वच्छता के इस मूवमेंट से रोगों से लड़ने में मदद मिलेगी. पीएम मोदी ने कहा कि टाटा ट्रस्ट ने स्वच्छता के इस मिशन के लिए 100 करोड़ रुपये का योगदान किया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने आईटीबीपी के द्वारा लेह की पैंगौंग झील की सफाई के लिए धन्यवाद दिया. कहा कि आईटीबीपी के साथियों को मैं नमन करता हूं, जहां भी जरूरत हो आप सबसे पहले हाजिर रहते हैं.
इससे पहले पीएम मोदी ने समाज के विभिन्न वर्गों के करीब 2000 लोगों को पत्र लिख कर इस सफाई अभियान का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है, ताकि इस अभियान को सफल बनाया जा सके. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों को आमंत्रित किया गया है उनमें पूर्व न्यायाधीश, अवकाश प्राप्त अधिकारी, वीरता पुरस्कार के विजेता तथा राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के पदक विजेता शामिल हैं. सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उप मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और उप राज्यपालों को भी व्यक्तिगत रूप से यह पत्र प्राप्त हुआ है. कुछ प्रमुख धार्मिक नेताओं, फिल्म हस्तियों, खिलाड़ियों, लेखकों, पत्रकारों को भी प्रधानमंत्री तरफ से यह पत्र मिला है. 
अपने पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान को एक जन आंदोलन बताया है जो अब पूरे देश में स्वच्छता क्रांति का रूप ले चुका है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि पिछले चार साल में देश भर में साढे आठ करोड़ शौचालय बनवाये गए हैं. उन्होंने कहा कि 90 फीसदी लोगों के पास अब शौचालय की व्यवस्था है जबकि 2014 तक यह आंकड़ा केवल 40 फीसदी था. देश में साढ़े चार लाख गांवों, 430 जिलों, 2800 शहरों और 19 राज्यों और केंद्र शाषित प्रदेशों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है. 
शनिवार १५ सितम्बर से शुरू हो रहा 'स्वच्छता ही सेवा अभियान' दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की १५०वीं जयंती तक चलेगा. इस अभियान के तहत ही प्रधानमंत्री शनिवार को देशवासियों को संदेश दिया. इनमें जग्गी वासुदेव, मां अमृतानंदमयी, श्री श्री रविशंकर, अमिताभ बच्चन, रतन टाटा जैसे बड़े नामों के साथ स्कूली बच्चों के समूहों, जवानों से भी बात की  और दैनिक जागरण के प्रधान संपादक और मुख्य कार्यकारी निदेशक से भी. 
देश के बड़े भूभाग पर सात करोड़ से ज्यादा पाठकों के साथ मौजूद दैनिक जागरण समाज के उत्थान में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है. ध्यान रहे कि स्वच्छता समेत स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण जैसे सात सरोकार दैनिक जागरण की संपादकीय रीति-नीति के निर्धारण में खास रहे हैं. इन सरोकारों के प्रति जागरण की प्रतिबद्धता ने समाज के कई क्षेत्रों में सार्थक बदलाव का मार्ग प्रशस्त किया है. बात चाहे देश के दो दर्जन से ज्यादा शहरों में चले मिशन 1000 टन की हो या फिर नष्ट हो तालाबों के पुनरुद्धार की, दैनिक जागरण ने हमेशा ही समाज के सजग प्रहरी के रूप में अपने दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है. दैनिक जागरण की ओर से जमशेदपुर समेत कई शहरों में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की गयी और समाज के हर वर्ग के लोगों ने इसमें बढचढ कर भाग लिया. इस अवसा पर सफाई कर्मियों को विशेष रूप से सम्मानित भी किया गया.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर हम साफ़ सुथरे रहेंगे तो बीमारियाँ जो गंदगी से ही पैदा होती है, काफी हद तक दूर हो जायेंगी. मक्खी, मच्छर एवं रोगों को जन्म देनेवाले अधिकांश जीवाणु गंदगी से पैदा होते हैं. अगर गंदगी से मुक्त हम होंगे इसका मतलब हम बिमारियों से भी मुक्त होंगे. इस साल देश के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बरसात हुई है. देश के कई हिस्से बाढ़ प्रभावित हुए. बाढ़ के बाद गंदगी काफी बढ़ जाती है. इन सबको साफ़ करना और साफ़ रखना हमारी जिम्मेदारी है. अधिकांश नदी, नाले, नालियां प्लास्टिक के कारण प्रदूषित तो हो ही रहे हैं यह प्लास्टिक/पॉलिथीन नालों को जाम भी करते हैं जिसकी वजह से पानी ठीक से निकल नहीं पाता और वह सड़कों पर जमा होकर घरों में भी घुंसने लगता है. सोचिये क्या हाल होता है जब गन्दा पानी हमारे घरों में घुंस जाता है इसके चलते हमरे घर के कीमती सामान बर्बाद हो जाते हैं साथ ही गंदे पानी से बीमारी बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. बढ़ जाती है. बरसात में इसी कारण, सर्दी, खांसी, वायरल फीवर, मलेरिया, डायरिया जैसे रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है.  
स्वच्छता ही सेवा है – यह प्रधान मंत्री के आह्वान के साथ अगर जन जन में रच बस गया तो बहुत सारी समस्याओं का हल अपने आप निकल आएगा. आनेवाले दिनों में अभी कई त्योहार मनाये जायेंगे. इन सबमे सफाई तो की ही जायेगी भीड़-भाड़ और मेलों ठेलों में   गंदगी भी पैदा होगी. अगर हर जगह कूड़ेदान रख दिए जाएँ, हम कचड़े को कूड़ेदान में ही डालें और और कचड़े का सही ढंग से निस्तारण हो तो गंदगी कहाँ रहेगी? इसे हम सतत प्रयास से सफल बना सकते हैं. हाँ हमारे साथ सरकारी अर्ध सरकारी और स्वयंसेवी संस्थाओं का भी भरपूर योगदान बनता है ताकि इस अभियान को पूर्णत: सफल बनाया जा सके. आइये हम सब मिलकर इस अभियान को सफल बनायें और देश को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनायें.
-    --- जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर.   

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