दर्शकों को रोज़ाना
देश-दुनिया की खबरों से वाकिफ कराने वाली छत्तीसगढ़ के एक प्राइवेट न्यूज चैनल की 28 वर्षीय एंकर की जिंदगी में उस समय दुखों का पहाड़
टूट पड़ा जब उन्हें अपने पति की एक सड़क हादसे में दर्दनाक मौत की खबर मिली. उससे
भी दुखद बात यह रही कि इस हादसे की ब्रेकिंग न्यूज खुद उन्हें ही पढ़नी पड़ी. एंकर
के इस अदम्य साहस और कर्तव्यनिष्ठा की लोग भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं और
उनके साहस को सलाम कर रहे हैं. उनके साथ बीती इस दर्दनाक घटना को लेकर लोग दुख भी
जता रहे हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी सुप्रीत कौर के पति हर्षद
गावड़े के निधन पर दुख जताया है.
उक्त मामला शनिवार की सुबह का है, जब प्राइवेट न्यूज चैनल IBC-24 पर लाइव न्यूज बुलेटिन के प्रसारण के दौरान न्यूज एंकर सुप्रीत कौर खबरें पढ़ रही थीं. इसी दौरान एक सड़क दुर्घटना की ब्रेकिंग न्यूज आई. एंकर सुप्रीत कौर को रिपोर्टर से बातचीत के दौरान ही अंदेशा हो गया कि इस हादसे में मरने वालों में उनके पति भी शामिल हैं. इस बेहद मुश्किल वक्त में भी सुप्रीत ने खुद को संभाले रखा और वे न्यूज बुलेटिन पढ़ती रहीं. सुप्रीत ने रिपोर्टर से बात करते हुए दर्शकों को हादसे की विस्तृत जानकारी भी दी.
दरअसल, राष्ट्रीय राजमार्ग- 353 पर लहरौद के पास एक ट्रक और रेनॉ डस्टर के बीच टक्कर हुई थी. इस हादसे में कार में सवार पांच से तीन लोगों की मौत हो गई. मृतकों में एंकर के पति भी शामिल थे. हादसे में घायल अन्य दो लोगों को उपचार के लिए पिथौरा स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया.
दर्शकों को हादसे की पूरी जानकारी मुहैया कराने के बाद भी सुप्रीत ने पूरा न्यूज बुलेटिन पढ़ा. इसके बाद वह स्टूडियो से बाहर आईं और फूट-फूटकर रोने लगीं और दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हो गईं.
सुप्रीत के एक सहकर्मी ने कहा, 'सुप्रीत बहुत बहादुर हैं. पूरी टीम को उनके काम पर गर्व है, लेकिन आज जो हुआ उससे हम सब स्तब्ध हैं'. उनके एक और सहकर्मी ने जानकारी देते हुए बताया कि सुप्रीत को ब्रेकिंग न्यूज पढ़ते ही यह अंदेशा हो गया था कि यह दुर्घटना उनके पति के साथ हुई है. बुलेटिन खत्म करने के बाद उन्होंने स्टूडियो से बाहर निकलते ही अपने रिश्तेदारों को फोन मिलाने शुरू कर दिए थे.' उसने आगे बताया कि, हम सभी को उनके पति की मौत की खबर पहले ही मिल चुकी थी, लेकिन हममें से किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उन्हें यह बता सकें.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर सुप्रीत कौर के जज्बे को सलाम किया, जिन्होंने इस दुखद घड़ी में भी साहस के साथ अपना कर्तव्य निभाया. ट्विटर पर अन्य लोग भी अपनी प्रतिक्रिया में उनके साहस को सलाम कर रहे हैं और उनके पति की मृत्यु पर शोक जाहिर रहे हैं...
सुप्रीत पिछले 9 साल से इस चैनल में न्यूज एंकर के तौर पर कार्यरत हैं. वह मूल रूप से भिलाई की रहने वाली हैं. सालभर पहले ही उनकी शादी हर्षद गावडे़ से हुई थी.
उक्त मामला शनिवार की सुबह का है, जब प्राइवेट न्यूज चैनल IBC-24 पर लाइव न्यूज बुलेटिन के प्रसारण के दौरान न्यूज एंकर सुप्रीत कौर खबरें पढ़ रही थीं. इसी दौरान एक सड़क दुर्घटना की ब्रेकिंग न्यूज आई. एंकर सुप्रीत कौर को रिपोर्टर से बातचीत के दौरान ही अंदेशा हो गया कि इस हादसे में मरने वालों में उनके पति भी शामिल हैं. इस बेहद मुश्किल वक्त में भी सुप्रीत ने खुद को संभाले रखा और वे न्यूज बुलेटिन पढ़ती रहीं. सुप्रीत ने रिपोर्टर से बात करते हुए दर्शकों को हादसे की विस्तृत जानकारी भी दी.
दरअसल, राष्ट्रीय राजमार्ग- 353 पर लहरौद के पास एक ट्रक और रेनॉ डस्टर के बीच टक्कर हुई थी. इस हादसे में कार में सवार पांच से तीन लोगों की मौत हो गई. मृतकों में एंकर के पति भी शामिल थे. हादसे में घायल अन्य दो लोगों को उपचार के लिए पिथौरा स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया.
दर्शकों को हादसे की पूरी जानकारी मुहैया कराने के बाद भी सुप्रीत ने पूरा न्यूज बुलेटिन पढ़ा. इसके बाद वह स्टूडियो से बाहर आईं और फूट-फूटकर रोने लगीं और दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हो गईं.
सुप्रीत के एक सहकर्मी ने कहा, 'सुप्रीत बहुत बहादुर हैं. पूरी टीम को उनके काम पर गर्व है, लेकिन आज जो हुआ उससे हम सब स्तब्ध हैं'. उनके एक और सहकर्मी ने जानकारी देते हुए बताया कि सुप्रीत को ब्रेकिंग न्यूज पढ़ते ही यह अंदेशा हो गया था कि यह दुर्घटना उनके पति के साथ हुई है. बुलेटिन खत्म करने के बाद उन्होंने स्टूडियो से बाहर निकलते ही अपने रिश्तेदारों को फोन मिलाने शुरू कर दिए थे.' उसने आगे बताया कि, हम सभी को उनके पति की मौत की खबर पहले ही मिल चुकी थी, लेकिन हममें से किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उन्हें यह बता सकें.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर सुप्रीत कौर के जज्बे को सलाम किया, जिन्होंने इस दुखद घड़ी में भी साहस के साथ अपना कर्तव्य निभाया. ट्विटर पर अन्य लोग भी अपनी प्रतिक्रिया में उनके साहस को सलाम कर रहे हैं और उनके पति की मृत्यु पर शोक जाहिर रहे हैं...
सुप्रीत पिछले 9 साल से इस चैनल में न्यूज एंकर के तौर पर कार्यरत हैं. वह मूल रूप से भिलाई की रहने वाली हैं. सालभर पहले ही उनकी शादी हर्षद गावडे़ से हुई थी.
पत्रकार
अमिताभ श्रीवास्तव लिखते हैं, ''पत्रकारों को गाली देने वालों को इस महिला एंकर सुप्रीत कौर की कहानी से
शायद कुछ सबक मिले, जिन्होंने पेशेवर ज़िम्मेदारी की मिसाल
कायम करते हुए एक सड़क हादसे में अपने पति की मौत की खबर को भी अपनी भावनाओं पर
काबू पाते हुए सहज ढंग से पढ़ा.''
रोहित
ने फेसबुक पर लिखा, ''सुप्रीत कौर
के जज़्बे को सलाम करते हैं. भगवान ऐसे वक्त में सुप्रीत को शक्ति दे.''
सुप्रीत कौर के अपने पेशे के प्रति जज्बे को जितनी प्रशंशा की जाय कम है!
सुप्रीत कौर के साथ जरा दूसरी महिला पत्रकारों की भी चर्चा कर लें.
अंजना ओम कश्यप जो वर्तमान में आजतक की एंकर हैं काफी बोल्ड और साहसी हैं. लाइव रिपोर्टिंग के साथ
साथ भीड़ भाड़ पर नियंत्रण रखते हुए कई बार परेशानियों से गुजरती हैं पर हिम्मत नहीं
हारती. उन्होंने महिला और पुरुष में भेदभाव की लड़ाई अपने घर से ही और बचपन से ही लड़ती
आई है. इसका खुलाशा उन्होंने हाल ही में एक साक्षात्कार में बतलाया था. मनपसंद की
खबर न बताने पर इन्हें सोसल मीडिया में भी कई बार अभद्रता का शिकार होना पड़ता है. ‘आजतक’
के ‘थर्ड डिग्री’ कार्यक्रम में भी काफी बोल्ड अंदाज में कड़े सवाल करती थीं. कश्मीर
की बर्फबारी में भी इन्हें मैंने फ़िल्मी अंदाज में लाइव रिपोर्टिंग करते हुए देखा
है. समाजवादी पार्टी की हार के बाद जब अंजना शिवपाल यादव के पास हाल चाल पूछने गयी
थी तब शिवपाल यादव के भद्दे कमेन्ट को भी बखूबी बर्दाश्त कर गयी थी. अंजना आरा बिहार
में जन्मी और रांची में पढ़ी-बढी है. इनके अलावा श्वेता सिंह तथा अन्य कई महिला
रिपोर्टर आजतक चैनेल पर हैं जो हर क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाती हैं
और दर्शकों के दिल में जगह बना पाती हैं. श्वेता सिंह का एक कार्यक्रम ईश्वर एक
खोज बहुत ही लोकप्रिय हुआ है. यह भी पटना बिहार की हैं.
NDTV छोड़ चुकी बरखा दत्त काफी चर्चित नाम है, जो कई बार विवादों में भी घिरी
हैं पर रिपोर्टिंग और लाइव कवरेज का जज्बा काबिले तारीफ़ ही कही जायेगी. कारगिल
युद्द के समय सैनिक बंकर से रिपोर्टिंग का साहसिक प्रयास एक यादगार है. इसके अलावा
अन्य विषम परिस्थितियों की कवरेज से भी वह नहीं घबरातीं. NDTV की ही सिक्ता देव और निधि कुलपति की
रिपोर्टिंग का अंदाज आकर्षित करता है.
ABP न्यूज़ में भी काफी महिला रिपोर्टर हैं जो हर परिस्थिति में एंकरिंग और
लाइव रिपोर्टिंग करती हैं. कुछ नाम जो मुझे याद आ रहे हैं उनमे हैं नेहा पन्त, रूमाना,
विनीता जादव, सरोज सिंह, चित्रा त्रिपाठी आदि ऐसी है जो हर सम-बिषम परिस्थितियों
में रिपोर्टिंग करती हैं जिन्हें अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
आपलोगों को याद होगा अगस्त २०१३ का मामला जब मुंबई के पास बंद पड़े शक्ति मिल
में रिपोर्टिंग के दौरान एक महिला रिपोर्टर, जिसका सामूहिक बलात्कार हुआ था.... और
भी कई ऐसे मामले हैं जहाँ महिला पत्रकारों को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है तो
कहीं पर पेशे से जुड़े अनावश्यक समझौते करने पड़ते हैं.
महिला पत्रकारों की श्रेणी में और भी कई नाम है जिनका नाम हम सभी आदर के साथ
लेते हैं वे हैं मृणाल पाण्डे, तवलीन सिंह, शोभा डे, नीरजा चौधरी, आदि आदि!
महिलाओं के बारे में ऐसी धारणा है कि वे मिहनती और सहनशील होती हैं, पुरुषों
के साथ महिलाओं से भी खुलकर बात कर सच निकलवा लेती हैं. ज्यादातर मामलों में यह
भ्रष्ट नहीं होतीं.(अपवाद हर जगह होते हैं)... सरकार और समाज को चाहिए कि
पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान करें. उन्हें सच कहने से न रोकें क्योंकि वही लोग
लोकतंत्र के चौथे खम्भे के रूप में विराजमान हैं जो सरकार के साथ साथ विरोधियों को
भी कटघरे में खड़ा करते हैं. महिला सुरक्षा की बात आज हर जगह हो हो रही हैं उन्हें
सुरक्षित अपना काम करने दें. उनके सामने अपनी परेशानियाँ खुल कर रक्खें... ताकि वे
हमारी आपकी बात को सरकार और जनता तक पहुंचा सकें. लोकतंत्र में इनकी अपनी अलग महत्ता है और इनका
सम्मान करना हम सबका कर्तव्य है. यह भी ख्याल रखना चाहिए कि वे भी हमारी आप की तरह
मनुष्य हैं जिनकी अपनी भावनाएं और विचार होते हैं, उनके भी अपने दुःख सुख होते
हैं. हर परिस्थिति में वे अपना काम करते हैं. मैंने कई बार कहा है – रिपोर्टिंग का
काम बहुत कठिन है. हर बाढ़, तूफ़ान, सूखा, गर्मी, आदि प्राकृतिक विपदाओं के साथ मानव
जनित दुर्घटनाओं का भी लाइव रिपोर्टिंग करते/करती हैं. अभी हाल ही में रामनवमी का
त्योहार बड़े उत्साह और उल्लास के साथ जमशेदपुर में भी मनाया गया. आमलोगों को थोड़ी
परेशानी अवश्य हुई पर ये पत्रकार सारे करतब/करिश्मे को कवर करते रहे और रिपोर्ट
अख़बारों और टी वी में देते रहे. एक बार मन से उन्हें याद ही कर लें. जय हिन्द!
वन्दे मातरम ! जय श्री राम!
- - जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर.
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन जन्म दिवस - राहुल सांकृत्यायन जी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय हर्षवर्धन जी!
Deleteअनुकरणीय कर्तव्यनिष्ठा,अद्भुत संयम - !
ReplyDeleteब्लॉग पढ़ाने और सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा सक्सेना जी!
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