वैसे तो प्रधान मंत्री श्री मोदी ने अपनी हर दीवाली
सेना के जवानों के साथ मनाने की परंपरा स्थापित की है. इस साल उनका विशेष आग्रह था
कि इस बार सभी भारतीय एक दिया देश के जवानों के नाम जलाएं. इसका व्यापक असर हुआ और
सभी भारतीयों के अन्दर सेना के सैनिकों के प्रति सम्मान की भावना जाग्रत हुई है. सोसल
मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर भी लोगों ने देश के जवानों के
नाम ज्योति जगाई और उन्हें अंतरात्मा से याद किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार(३०.१०.१६) को रेडियो
पर 'मन की बात'
के माध्यम से देशवासियों को दीवाली की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि यह दीवाली सुरक्षा बलों को समर्पित हो. हर देशवासी के दिल
में जवानों के प्रति प्यार और गौरव है जिस प्रकार से उसकी अभिव्यक्ति हुई है,
ये हर देशवासी को ताकत देने वाली है. हमारे जवान किस-किस प्रकार से
कष्ट झेलते हैं. हम जब दिवाली मना रहे हैं, कोई रेगिस्तान
में खड़ा है, कोई हिमालय की चोटियों पर. पीएम ने कहा कि भारत के हर कोने में उत्साह और उमंग के साथ दीपावली
का पर्व मनाया जाता है. वेद-काल से आज तक भारत में जो उत्सवों की परम्परा रही है, वे समयानुकूल परिवर्तन वाले उत्सव रहे हैं.
भारत की उत्सव परम्परा, प्रकृति-प्रेम को बलवान बनाने वाली,
बालक से लेकर के हर व्यक्ति को संस्कारित करने वाली रही हैं. पी एम
ने कहा – दीवाली का दिया जलाकर गरीबी निरक्षरता और अन्धविश्वास के अन्धकार से
मुक्ति का संकल्प लें.
प्रधानमंत्री ने मीडिया की भी
सराहना की, जिसने इस दीपोत्सव को सेना के प्रति आभार व्यक्त करने के अवसर में पलट
दिया. पीएम ने कहा कि Sandesh2Soldiers से देशवासियों ने
जवानों को संदेश भेजे. एक संदेश में सामर्थ्य बढ़ जाता है और देश ने कर दिखाया.
सेना के जवान सिर्फ सीमा पर नहीं, जिंदगी के हर मोड़ पर
राष्ट्र भावना से प्रेरित हो करके काम करते रहते हैं.
दीपावली का पर्व भारत की सीमाओं तक
सीमित नहीं रहा है. विश्व के सभी देशों में किसी-न-किसी रूप में दीपावली के पर्व को मनाया जाता है. ब्रिटेन में शायद ही कोई ऐसा शहर होगा जहां पर बड़े ताम-झाम के साथ दिवाली न मनाई जाती हो. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री
ने लंदन में दीपावली के निमित्त, सभी समाजों को जोड़ता हुआ एक
रिसेप्शन आयोजित किया और उसमें खुद हिस्सा लिया. सिंगापुर के
प्रधानमंत्री ने इंस्टाग्राम पर वो तस्वीर शेयर की है जिसमें सिंगापुर संसद की 16 महिला सांसदों ने साड़ी पहनी है. अमेरिका ने इस बार
दीपावली पर डाक टिकट जारी किया है. तो कनाडा के
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर दिया जलाते हुए अपनी तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है.
इस साल प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने रविवार को हिमाचल प्रदेश में चीन की सीमा के पास रणनीतिक दृष्टि
से महत्वपूर्ण इलाके में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई. हरे रंग की पोशाक पहने
प्रधानमंत्री ने सुमोध नाम की जगह पर इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), डोगरा स्काउट्स और सेना के जवानों से मुलाकात की.
सुमोध, राजधानी शिमला से 330 किलोमीटर
दूर है और किन्नौर तथा लाहौल-स्पीति जिलों की सीमा पर स्थित है.
प्रधानमंत्री मोदी जवानों से खुलकर मिले. उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई. एक जवान ने भी जवाब में प्रधानमंत्री को मिठाई खिलाई. प्रधानमंत्री के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग भी थे. |
एक अधिकारी ने कहा कि
प्रधानमंत्री ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की शाखा जेनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स
(जीआरईएफ) के कर्मियों से भी सुमोध में मुलाकात की. इसके बाद पीएम मोदी ने किन्नौर
जिले के चांगो गांव में लोगों से मुलाकात की. किन्नौर अपने स्वादिष्ट सेबों के लिए
जाना जाता है. उन्होंने
ग्रामीणों के साथ कई फोटो खिंचवाई. मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 में पहली दिवाली सियाचिन में सैनिकों के साथ मनाई थी.
उधर पाकिस्तान की
फ़ायरिंग में शहीद हुए मनदीप सिंह को रविवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ
कुरुक्षेत्र के उनके गांव में आखिरी विदाई दी गई. शहीद के दर्शन के लिए पूरा गांव
उमड़ पड़ा. नम आंखों से सभी ने शहीद को विदाई दी. इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल
खट्टर भी मौजूद थे. सरकार की ओर से शहीद मंदीप के परिवार के लिए 50 लाख रुपये की राहत राशि और एक सदस्य को सरकारी नौकरी
देने का ऐलान किया गया है.
17 सिख रेजिमेंट के सिपाही मंदीप जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा इलाके के मच्छिल सेक्टर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शुक्रवार रात शहीद हो गए थे. वह कुरुक्षेत्र जिले के अंतेहरी गांव के निवासी थे. उनका पार्थिव शरीर रविवार को उनके परिवार को सौंप दिया गया. मंदीप के गांव के निवासियों ने कहा कि शहीद को सम्मान देते हुए गांव में इस साल दीवाली नहीं मनेगी. अंतेहरी गांव अपने बेटों को फौज में भेजने के लिए जाना जाता है. मंदीप के पिता फूल सिंह ने कहा, 'अपने बेटे के बलिदान पर हमें गर्व है. इस अमानवीय कृत्य के लिए पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए.'
17 सिख रेजिमेंट के सिपाही मंदीप जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा इलाके के मच्छिल सेक्टर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शुक्रवार रात शहीद हो गए थे. वह कुरुक्षेत्र जिले के अंतेहरी गांव के निवासी थे. उनका पार्थिव शरीर रविवार को उनके परिवार को सौंप दिया गया. मंदीप के गांव के निवासियों ने कहा कि शहीद को सम्मान देते हुए गांव में इस साल दीवाली नहीं मनेगी. अंतेहरी गांव अपने बेटों को फौज में भेजने के लिए जाना जाता है. मंदीप के पिता फूल सिंह ने कहा, 'अपने बेटे के बलिदान पर हमें गर्व है. इस अमानवीय कृत्य के लिए पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए.'
मंदीप की शादी साल 2014 में हुई थी. उनके परिवार में उनकी
विधवा हरियाणा पुलिस में सिपाही प्रेरणा और उनके माता-पिता हैं. पति की मौत से गमगीन प्रेरणा ने संवाददाताओं से कहा, 'हमारी सरकार को
पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए. हम अपने जवानों को इस तरह से शहीद होने नहीं देना चाहते.' भारतीय सेना ने एक आधिकारिक बयान में शनिवार को कहा कि शहीद जवान के शरीर को
आतंकवादियों ने क्षत-विक्षत कर दिया था और इसका माकूल जवाब दिया जाएगा. और सचमुच उसका जवाब
दिया गया भारतीय सेना ने शनिवार(२९.१०.१६)
को बताया कि पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे सीजफायर उल्लंघन का करारा जवाब देते
हुए उन्होंने एलओसी के पास केरन सेक्टर में चार पाकिस्तानी चौकियों को नष्ट कर
दिया है. इसके अलावा पाकिस्तान की तरफ जानमाल का भारी नुकसान भी हुआ है. सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की तरफ हताहतों की
संख्या करीब 20 तक हो सकती है. पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के
आरएस पुरा सेक्टर में भी सीजफायर उल्लंघन हुआ है. पिछले एक हफ्ते के दौरान
पाकिस्तान की ओर से कई बार भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर सीजफायर का उल्लंघन
किया गया है. शनिवार को ही पाकिस्तान की ओर से माछिल सेक्टर में की गई फायरिंग में
एक बीएसएफ तीन जवान शहीद हो गए.
शुक्रवार को आतंकवादियों ने एलओसी के पास एक भारतीय सैनिक(मंदीप सिंह) की हत्या करने के बाद उसके शव को क्षत-विक्षत कर दिया था. सेना ने कहा था कि इस बर्बर घटना का माकूल जवाब दिया जाएगा. बीएसएफ ने बताया था कि जम्मू एवं कश्मीर में अतंरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से की जा रही फायरिंग के बाद जवाबी कार्रवाई में शुक्रवार को 15 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे. इसके अलावा बी एस एफ के तीन जवान गुरुनाम सिंह, सुशील कुमार, जितेन्द्र कुमार शहीद हुए. उन सबको हर भारतीय सलाम करता है और उन सबक नाम एक एक दिया जलने का काम किया है.
शुक्रवार को आतंकवादियों ने एलओसी के पास एक भारतीय सैनिक(मंदीप सिंह) की हत्या करने के बाद उसके शव को क्षत-विक्षत कर दिया था. सेना ने कहा था कि इस बर्बर घटना का माकूल जवाब दिया जाएगा. बीएसएफ ने बताया था कि जम्मू एवं कश्मीर में अतंरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से की जा रही फायरिंग के बाद जवाबी कार्रवाई में शुक्रवार को 15 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे. इसके अलावा बी एस एफ के तीन जवान गुरुनाम सिंह, सुशील कुमार, जितेन्द्र कुमार शहीद हुए. उन सबको हर भारतीय सलाम करता है और उन सबक नाम एक एक दिया जलने का काम किया है.
इस साल दीवाली में मिट्टी के दिए की खूब बिक्री भी हुई है और उन्हें जलाया भी
जा रहा है. इस बार पटाखे कम फोड़े जा रहे हैं. साथ ही चीन के उत्पाद के बहिष्कार भी
असर हुआ है. बहुत कम लोग चीनी झालर या पटाखे खरीद रहे हैं. बहुत कम घरों में इस
बार चीनी झालर देखे गए हैं. कम पटाखों से दवानी और वायु प्रदूषण भी कम हुआ है जो
एक अच्छी बात है.
हाँ धनतेरस के दिन लोगों ने जमकर खरीददारी की, अकेले जमशेदपुर में ५०० करोड़
सुपए की खरीददारी की गयी, जिसमे लोगों ने गहने से लेकर घर के जरूरी सामान,
गाड़ियाँ, इलेक्ट्रॉनिक सामान, और झाड़ू तक खरीदे. हमारे हर त्योहार ब्यक्ति से समष्टि
की ओर ले जाते हैं. सफाई सुथराई के साथ आपसी भाईचारा का भी विकास होता है. पता
नहीं यह बात हमारे पड़ोसी देश और उनके दिक्भ्रमित नौजवान क्यों नहीं समझाते हैं? हम
विश्व बंधुत्व की बात करते हैं और वे घर में ही अपने भाइयों को मारने और खुद मरने
में बिश्वास रखते हैं. आईएस बुराई और दुर्भावना का अंत होना चाहिए. प्यार से हम
दुनिया जीत सकते हैं, घृणा और द्वेष से नहीं. तो आइये फिर यद् करते हैं उन वीर
जवानों को.
जब देश में थी दीवाली वे खेल रहे थे होली,
जब हम बैठे थे घरों में वे झेल रहे थे गोली,
जय हिन्द! जय जवान! जय किसान! जय विज्ञानं!
- जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर.
No comments:
Post a Comment