Sunday, 30 October 2016

यह दीवाली, देश के नाम


वैसे तो प्रधान मंत्री श्री मोदी ने अपनी हर दीवाली सेना के जवानों के साथ मनाने की परंपरा स्थापित की है. इस साल उनका विशेष आग्रह था कि इस बार सभी भारतीय एक दिया देश के जवानों के नाम जलाएं. इसका व्यापक असर हुआ और सभी भारतीयों के अन्दर सेना के सैनिकों के प्रति सम्मान की भावना जाग्रत हुई है. सोसल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर भी लोगों ने देश के जवानों के नाम ज्योति जगाई और उन्हें अंतरात्मा से याद किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार(३०.१०.१६) को रेडियो पर 'मन की बात' के माध्यम से देशवासियों को दीवाली की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि यह दीवाली सुरक्षा बलों को समर्पित हो. हर देशवासी के दिल में जवानों के प्रति प्यार और गौरव है जिस प्रकार से उसकी अभिव्यक्ति हुई है, ये हर देशवासी को ताकत देने वाली है. हमारे जवान किस-किस प्रकार से कष्ट झेलते हैं. हम जब दिवाली मना रहे हैं, कोई रेगिस्तान में खड़ा है, कोई हिमालय की चोटियों पर. पीएम ने कहा कि भारत के हर कोने में उत्साह और उमंग के साथ दीपावली का पर्व मनाया जाता है. वेद-काल से आज तक भारत में जो उत्सवों की परम्परा रही है, वे समयानुकूल परिवर्तन वाले उत्सव रहे हैं. भारत की उत्सव परम्परा, प्रकृति-प्रेम को बलवान बनाने वाली, बालक से लेकर के हर व्यक्ति को संस्कारित करने वाली रही हैं. पी एम ने कहा – दीवाली का दिया जलाकर गरीबी निरक्षरता और अन्धविश्वास के अन्धकार से मुक्ति का संकल्प लें.
प्रधानमंत्री ने मीडिया की भी सराहना की, जिसने इस दीपोत्सव को सेना के प्रति आभार व्यक्त करने के अवसर में पलट दिया. पीएम ने कहा कि Sandesh2Soldiers से देशवासियों ने जवानों को संदेश भेजे. एक संदेश में सामर्थ्य बढ़ जाता है और देश ने कर दिखाया. सेना के जवान सिर्फ सीमा पर नहीं, जिंदगी के हर मोड़ पर राष्ट्र भावना से प्रेरित हो करके काम करते रहते हैं.
दीपावली का पर्व भारत की सीमाओं तक सीमित नहीं रहा है. विश्व के सभी देशों में किसी--किसी रूप में दीपावली के पर्व को मनाया जाता है. ब्रिटेन में शायद ही कोई ऐसा शहर होगा जहां पर बड़े ताम-झाम के साथ दिवाली न मनाई जाती हो. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री ने लंदन में दीपावली के निमित्त, सभी समाजों को जोड़ता हुआ एक रिसेप्शन आयोजित किया और उसमें खुद हिस्सा लिया. सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने इंस्टाग्राम पर वो तस्वीर शेयर की है जिसमें सिंगापुर संसद की 16 महिला सांसदों ने साड़ी पहनी है. अमेरिका ने इस बार दीपावली पर डाक टिकट जारी किया है. तो कनाडा के प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर दिया जलाते हुए अपनी तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है.
इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हिमाचल प्रदेश में चीन की सीमा के पास रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इलाके में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई. हरे रंग की पोशाक पहने प्रधानमंत्री ने सुमोध नाम की जगह पर इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), डोगरा स्काउट्स और सेना के जवानों से मुलाकात की. सुमोध, राजधानी शिमला से 330 किलोमीटर दूर है और किन्नौर तथा लाहौल-स्पीति जिलों की सीमा पर स्थित है.
प्रधानमंत्री मोदी जवानों से खुलकर मिले. उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई. एक जवान ने भी जवाब में प्रधानमंत्री को मिठाई खिलाई. प्रधानमंत्री के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग भी थे.
एक अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की शाखा जेनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स (जीआरईएफ) के कर्मियों से भी सुमोध में मुलाकात की. इसके बाद पीएम मोदी ने किन्नौर जिले के चांगो गांव में लोगों से मुलाकात की. किन्नौर अपने स्वादिष्ट सेबों के लिए जाना जाता है. उन्होंने ग्रामीणों के साथ कई फोटो खिंचवाई. मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 में पहली दिवाली सियाचिन में सैनिकों के साथ मनाई थी.

उधर पाकिस्‍तान की फ़ायरिंग में शहीद हुए मनदीप सिंह को रविवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ कुरुक्षेत्र के उनके गांव में आखिरी विदाई दी गई. शहीद के दर्शन के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा. नम आंखों से सभी ने शहीद को विदाई दी. इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे. सरकार की ओर से शहीद मंदीप के परिवार के लिए 50 लाख रुपये की राहत राशि और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया गया है.

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सिख रेजिमेंट के सिपाही मंदीप जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा इलाके के मच्‍छिल सेक्टर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शुक्रवार रात शहीद हो गए थे. वह कुरुक्षेत्र जिले के अंतेहरी गांव के निवासी थे. उनका पार्थिव शरीर रविवार को उनके परिवार को सौंप दिया गया. मंदीप के गांव के निवासियों ने कहा कि शहीद को सम्मान देते हुए गांव में इस साल दीवाली नहीं मनेगी. अंतेहरी गांव अपने बेटों को फौज में भेजने के लिए जाना जाता है. मंदीप के पिता फूल सिंह ने कहा, 'अपने बेटे के बलिदान पर हमें गर्व है. इस अमानवीय कृत्य के लिए पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए.'
मंदीप की शादी साल 2014 में हुई थी. उनके परिवार में उनकी विधवा हरियाणा पुलिस में सिपाही प्रेरणा और उनके माता-पिता हैं. पति की मौत से गमगीन प्रेरणा ने संवाददाताओं से कहा, 'हमारी सरकार को पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए. हम अपने जवानों को इस तरह से शहीद होने नहीं देना चाहते.' भारतीय सेना ने एक आधिकारिक बयान में शनिवार को कहा कि शहीद जवान के शरीर को आतंकवादियों ने क्षत-विक्षत कर दिया था और इसका माकूल जवाब दिया जाएगा. और सचमुच उसका जवाब दिया गया भारतीय सेना ने शनिवार(२९.१०.१६) को बताया कि पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे सीजफायर उल्लंघन का करारा जवाब देते हुए उन्होंने एलओसी के पास केरन सेक्टर में चार पाकिस्तानी चौकियों को नष्ट कर दिया है. इसके अलावा पाकिस्तान की तरफ जानमाल का भारी नुकसान भी हुआ है. सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की तरफ हताहतों की संख्या करीब 20 तक हो सकती है. पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में भी सीजफायर उल्लंघन हुआ है. पिछले एक हफ्ते के दौरान पाकिस्तान की ओर से कई बार भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर सीजफायर का उल्लंघन किया गया है. शनिवार को ही पाकिस्तान की ओर से माछिल सेक्टर में की गई फायरिंग में एक बीएसएफ तीन जवान शहीद हो गए.
शुक्रवार को आतंकवादियों ने एलओसी के पास एक भारतीय सैनिक(मंदीप सिंह) की हत्या करने के बाद उसके शव को क्षत-विक्षत कर दिया था. सेना ने कहा था कि इस बर्बर घटना का माकूल जवाब दिया जाएगा. बीएसएफ ने बताया था कि जम्मू एवं कश्मीर में अतंरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से की जा रही फायरिंग के बाद जवाबी कार्रवाई में शुक्रवार को 15 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे. इसके अलावा बी एस एफ के तीन जवान गुरुनाम सिंह, सुशील कुमार, जितेन्द्र कुमार  शहीद हुए. उन सबको हर भारतीय सलाम करता है और उन सबक नाम एक एक दिया जलने का काम किया है.
इस साल दीवाली में मिट्टी के दिए की खूब बिक्री भी हुई है और उन्हें जलाया भी जा रहा है. इस बार पटाखे कम फोड़े जा रहे हैं. साथ ही चीन के उत्पाद के बहिष्कार भी असर हुआ है. बहुत कम लोग चीनी झालर या पटाखे खरीद रहे हैं. बहुत कम घरों में इस बार चीनी झालर देखे गए हैं. कम पटाखों से दवानी और वायु प्रदूषण भी कम हुआ है जो एक अच्छी बात है.
हाँ धनतेरस के दिन लोगों ने जमकर खरीददारी की, अकेले जमशेदपुर में ५०० करोड़ सुपए की खरीददारी की गयी, जिसमे लोगों ने गहने से लेकर घर के जरूरी सामान, गाड़ियाँ, इलेक्ट्रॉनिक सामान, और झाड़ू तक खरीदे. हमारे हर त्योहार ब्यक्ति से समष्टि की ओर ले जाते हैं. सफाई सुथराई के साथ आपसी भाईचारा का भी विकास होता है. पता नहीं यह बात हमारे पड़ोसी देश और उनके दिक्भ्रमित नौजवान क्यों नहीं समझाते हैं? हम विश्व बंधुत्व की बात करते हैं और वे घर में ही अपने भाइयों को मारने और खुद मरने में बिश्वास रखते हैं. आईएस बुराई और दुर्भावना का अंत होना चाहिए. प्यार से हम दुनिया जीत सकते हैं, घृणा और द्वेष से नहीं. तो आइये फिर यद् करते हैं उन वीर जवानों को.
जब देश में थी दीवाली वे खेल रहे थे होली,
जब हम बैठे थे घरों में वे झेल रहे थे गोली,  
जय हिन्द! जय जवान! जय किसान! जय विज्ञानं!

-    जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर.

Wednesday, 26 October 2016

आर्तनाद

मेरे ही पुत्रों ने,
मुझे,
लूटा है बार-बार!
एक बार नहीं,
हजार बार!
अपनी अंत: पीड़ा से
मैं रोई हूँ, जार जार!
हे, मेरे ईश्वर,
हे मेरे परमात्मा,
दे इन्हें सदबुद्धि,
दे इन्हें आत्मा,
न लड़ें, ये खुद से,
कभी धर्म या भाषा के नाम पर,
कभी क्षेत्रवाद,
जन अभिलाषा के नाम पर.
ये सब हैं तो मैं हूँ,
समृद्ध, शस्य-श्यामला.
रत्नगर्भा, मही मैं,
सरित संग चंचला.
मत उगलो हे पुत्रों,
अनल के अंगारे,
जल जायेंगे,
मनुज,संत सारे.
——————————
हे महादेव, हे नीलग्रीवा,
धरो रूद्र रूप, करो संतसेवा.
करो भस्म तम को, नृत्य तांडव करो तुम,
घट विष का हे शिव, करो अब शमन तुम.
—————————————
हे मेरे राम, कब आओगे काम!
हे मेरे आका बचा लो ‘निज’ धाम.
सिया अब पुकारे, हरण से बचा ले,
ये रावणों की सेना, लेते हैं तेरा नाम.
जरूरत नहीं है, अब लंका दहन की,
अवधपुर जले हैं, जरूरत शमन की.
असुर अब बढ़े हैं, करें नष्ट तपवन.
कहाँ तप करें अब, संत और सज्जन.
लखन औ विभीषण खड़े साथ ही हैं.
अगर है जरूरत, तो पार्थ भी है.
चढ़ाओ प्रत्यंचा, खड्ग को सम्हालो,
माँ काली, हे देवी, रिपु को खंगालो !
माँ काली, हे देवी, रिपु को खंगालो !
जवाहर लाल सिंह

Saturday, 22 October 2016

रीता ‘बहुगुणा’ का भाजपा में आना

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक 'बड़े उलटफेर' के तहत कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गईं, जिसे कुछ ही महीने में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
प्रदेश की राजनीति में 67-वर्षीय रीता बहुगुणा जोशी का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं रहा है. इतिहास में स्नातकोत्तर तथा पीएचडी की उपाधियां अर्जित करने वाली रीता राज्य के दिवंगत दिग्गज राजनेता हेमवतीनंदन बहुगुणा की पुत्री हैं, और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके विजय बहुगुणा की बहन हैं. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मध्यकालीन तथा आधुनिक इतिहास की प्रोफेसर रहीं रीता वर्ष 1995 से 2000 तक इलाहाबाद की महापौर (मेयर) भी रही हैं.
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर जीतीं रीता ने गुरुवार को ही विधायक पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. वह कांग्रेस की दिग्गज नेताओं में शुमार की जाती रही हैं, और वर्ष 2007 से 2012 तक पार्टी की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष भी रहीं. इसके अलावा रीता वर्ष 2003 से अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही हैं.
ब्राह्मणों में अच्छी पकड़ रखने वाली रीता बहुगुणा जोशी राष्ट्रीय महिला परिषद की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं, और उन्हें संयुक्त राष्ट्र की ओर से 'दक्षिण एशिया की सर्वाधिक प्रतिष्ठित महिलाओं' में शुमार भी किया गया था.
बीजेपी में शामिल होने के कारण गिनाते हुए गुरुवार को रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सब कुछ संभालने के वक्त तक कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आगे आ जाने के बाद से कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. बीजेपी ने भी उन्हें पार्टी में शामिल कर ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की है, जबकि पिछड़े मतदाताओं पर पकड़ बनाने के उद्देश्य से उन्होंने केशवप्रसाद मौर्य को पार्टी की प्रदेश इकाई का कार्यभार सौंपा था. अब यह तो समय ही बतलायेगा कि रीता बहुगुणा को भाजपा में आने पर भाजपा को कितना गुना फायदा हुआ. हाँ, कांग्रेस का नुकसान तो अवश्य कर गयीं.
वैसे, 22 जुलाई, 1949 को उत्तराखंड में जन्मीं रीता बहुगुणा जोशी भी अन्य राजनेताओं की तरह 'गिरफ्तारियों' से दूर नहीं रही हैं. वह वर्ष 2011 में भट्टा पारसौल से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की गिरफ्तारी के समय उन्हीं के साथ गिरफ्तार की गई थीं. उसके अलावा एक बार उन्हें वर्ष 2009 में भी गिरफ्तार किया गया था, जब उन पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगा था.
इस एपीसोड का विश्‍लेषण यही बता रहा है कि राजनीतिक प्रवृत्ति वाकई क्षणभंगुर हो चली है यानी राजनीति में कोई भी बात एक-दो दिन से ज्यादा टिक ही नहीं पा रही. फिर भी ऐसी बातें जनमानस के अर्धचेतन में या अवचेतन में जरूर चली जाती हैं. इसीलिए पत्रकारिता खबर लायक हर घटना का आगा-पीछा जरूर देखती और दिखाती है.
आमतौर पर जब कोई नेता एक पार्टी छोड़कर दूसरी में जाता है तो अपने फैसले के औचित्य का प्रचार करने के लिए कुछ पहले से पेशबंदी करने लगता है. यहां जोशी की तरफ से यह पहल नहीं दिखाई दी. हालांकि मीडिया में इसकी चर्चा जरूर करवाई गई. लेकिन उससे ज्यादा हलचल मच नहीं रही थी. इसका एक कारण यह हो सकता है कि जोशी जिस पार्टी में थीं उसमें भारी बदलाव के कारण वहां उनकी कोई हैसियत बची नहीं थी. इस बात के लक्षण बीजेपी ज्‍वाइन करने के अवसर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही उनकी बात में भी साफ दिखे. कांग्रेस के अनुसार रीता बहुगुणा दगाबाज है और उनके जाने से कांग्रेस कोई फर्क नहीं पड़ेगा. वैसे कांग्रेस को अब क्या फर्क पड़नेवाला है. यह तो अब डूबती जहाज का नाम है जबतक कि कोई करिश्माई नेता कांग्रेस में नहीं आ जाता या कांग्रेस का कमान नहीं सम्हालता.
पहली बात तो यह कि कांग्रेस में उसके चुनाव प्रबंधक प्रशांत किशोर का रवैया प्रबंधक से ज्यादा निदेशक जैसा है और प्रशांत किशोर की हैसियत नेताओं से बड़ी हो गई. दूसरी बात में उन्होंने सीधे ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साध दिया. पहली बात का विश्लेषण इस तरह हो सकता है कि प्रशांत किशोर को लाया ही इसलिए गया है क्योंकि यूपी में पिछले 27 साल से प्रदेश का कोई नेता कांग्रेस को वापस सत्ता में ला नहीं पा रहा था. इन नेताओं में खुद रीता बहुगुणा जोशी को भी कांग्रेस ने लंबे वक्त तक शीर्ष स्तर के पदों पर रखा था. 
दूसरी बात के विश्लेषण की तो पिछले एक महीने में राहुल गांधी के किसान रथ ने प्रदेश में कांग्रेस की हलचल मचा रखी थी. कांग्रेस को बढ़ने से रोकने यानी राहुल गांधी को रोकने के तौर पर जोशी के मुंह से ऐसा कहलाने से ज्यादा कारगर उपाय और क्या हो सकता था. ये उपाय कितना छोटा बड़ा है? इस समय यह बात करना ठीक नहीं है. कम से कम राजनीतिक खेल में बची-खुची नैतिकता के लिहाज से तो बिल्कुल भी ठीक नहीं है.
बात सही हो या न हो, लेकिन युद्ध और प्रेम में सब जायज़ का मुहावरा खूब चलाया जाता है. और जब से राजनीति को युद्ध बताया जाने लगा तबसे हम यह भूलने लगे कि राजनीति में एक पद 'नीति' या 'नैतिक' भी है. लिहाजा ये बातें अब सुनने तक में ज्यादा आकर्षक नहीं बचीं. फिर भी अगर यह मानकर चलें कि अच्छी या बुरी प्रवृत्तियां हमेशा हमेशा के लिए खत्म नहीं होतीं. पृथ्वीवासियों के पास कम से कम ढाई हजार साल का व्यवस्थित राजनीतिक इतिहास का अनुभव है. इस विपत्ति काल में न सही, आगे कभी न कभी राजनैतिक निष्ठा या आदर्श या मूल्यों की बातें हमें करनी ही पड़ेंगी. 
समाज के मनोरंजनप्रिय तबके के लोग हमेशा ही रोचक घटनाओं के इंतजार में रहते हैं. मानव समाज का बहुत बड़ा यह तबका इसीलिए अखबारों और टीवी कार्यक्रमों का बेसब्री से इंतजार करता है. अनुमान है कि आने वाले दिनों में जब रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस के खिलाफ प्रचार कर रही होंगी तब लोग उनके मुंह से अपनी वर्तमान पार्टी के खिलाफ कही बातों को याद करके मनोरंजक स्थिति का अनुभव कर रहे होंगे. हालांकि उन्हें जवाब देने की जरूरत पड़ेगी नहीं.
राजनीतिक विश्लेषक अपना अपना विश्लेषण प्रस्तुत करेंगे ही, पर मेरी राय में न तो रीता  बहुगुणा को कोई बड़ा पद मिलनेवाला है न ही भाजपा को कोई बहुत फायदा होनेवाला है. भाजपा को अगर कुछ फायदा होगा तो मोदी जी के वक्तव्य और अब तक कियर गए क्रिया कलाप से ही होगा. कोई अन्य पार्टी के गैर मौजूदगी की वजह से भाजपा फायदे में जरूर रहने वाली है क्योंकि मुलायम सिंह के घर में मची हलचल को भी लोग बड़ी उत्सुकता से देख रहे हैं. मुलायम अखिलेश और उनके चाचा की आपसी खींच तान से सपा को भारी नुकसान होने वाला है. राज्य की कानून ब्यवस्था से अखिलेश ठीक से नहीं निपट सके हैं. अब ऊपर से घर का विवाद और रोज नए विवादों का जन्म.
मायावती के भी बहुत सारे लोग उनकी मनमानी की वजह से पार्टी छोड़कर भाजपा में पहले ही जा चुके हैं. अब और किसी पार्टी में दम बचा भी नहीं है. अत: अमित शाह की रणनीति कारगर सिद्ध होती जा रही है. वैसे यह सब पूर्वानुमान है क्योंकि भाजपा ने जन सामान्य की समस्या को हल करने के लिए अभीतक कोई भी कारगर कदम नहीं उठाये हैं. कुछ लोग रीता को भावी राज्यपाल के रूप में देख रहे हैं जैसे कि पूर्व में किरण बेदी को पांडुचेरी का राज्यपाल बनाकर उन्हें पुरस्कृत किया जा चुका है.
खैर चाहे जो हो अब राजनीति में नैतिकता की उम्मीद करना बेकार है. येन केन प्रकारेण सत्ता प्राप्त कर लेना या सत्ता के करीब चिपके रहना ही मुख्य उद्देश्य रह गया है. वैसे भी गडकरी जी के अनुसार वे हमारे चार काम कर देते हैं और हम उनके.      
राजनीति में बस अब ‘राज’ बाकी रह गया है ‘नीति’ गायब है. राष्ट्र भक्ति, देश भक्ति, समाज सेवा, राष्ट्र सेवा सब की परिभाषाएं बदलती रहती हैं. हम सब इंतज़ार करते रहेंगे कि कब कोई बड़ा नेता आएगा और चमत्कार करेगा. उम्मीद पर दुनिया कायम है हम उम्मीद का दमन नहीं छोड़ सकते. आशावादी बने रहना चाहिए. कुछ अच्छे की उम्मीद में जीना ही जीवन है. अन्यथा सत्य तो हम सब जानते हैं. बड़े बड़े दिग्गज भी ढेर हुए हैं और समय के बहाव में कोई भी शेर बन कर सामने खड़ा हो जाता है.
समै समै सुन्दर सबै, रूप कुरूप न कोय.
जित जेती रूची रुचै, तित तेती तित होय.  
जय श्रीराम! जय उठापठक वाला उत्तर प्रदेश !

-    -  जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर  

Wednesday, 19 October 2016

मोदी का असर दिखने लगा है

भारत में उरी हमले में भारतीय सेना के १८ जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में एक प्रतिक्रियात्मक माहौल बन गया था और सभी भारतीय मोदी सरकार को घेरने और और पकिस्तान को जवाब देने की बात करने लगे थे उसके बाद मोदी सरकार के देख रेख में भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में घुंसकर आतंकवादियों और उनके कैंप को निशाना बनाया जिसे ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का नाम दिया गया भारत के इस रक्षात्मक कार्रवाई को विश्व के अधिकांश देशों ने समर्थन किया चाइना ने अगर विरोध किया तो उसके खिलाफ भी भारत में एक अलग माहौल बन गया और चीनी उत्पाद का बहिष्कार करने का फैसला हो गया अब चीन भी धीरे-धीरे रास्ते पर आ रहा है फ्रांस, अमेरिका और रूस ने भी भारत के इस रक्षात्मक कदम का समर्थन किया इसके साथ ही नवम्बर में इस्लामाबाद में होनेवाले सार्क सम्मलेन का जिस तरह से भारत सहित सभी देशों ने बहिष्कार किया, पाकिस्तान बिलकुल अलग-थलग पड़ा गया यहाँ तक कि पाकिस्तान के अन्दर से भी आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठने लगी
उधर गोवा में हुए ब्रिक्स सम्मलेन में भी आतंकवाद का मुद्दा जोर-शोर से छाया रहा और सभी पांच देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अमेरिका ने आतंवाद को खात्मे के लिए संकल्प भी लिया और सभी ने एक स्वर से आवाज बुलंद की है और तो और ब्रिक्स में भारत सहित कुल पांच देश हैं और शनिवार(१५.१०.१६) को रात डिनर के मौके पर सभी मेहमानों पर मोदी जैकेट का जादू छाया दिखा १५ अक्टूबर की रात डिनर के दौरान पीएम मोदी तो अपने अंदाज में थे ही बाकि चारों मेहमानों पर भी मोदी जैकेट का जादू छाया हुआ था पुतिन ब्लू जैकेट में थे तो शी जिन पिंग लाल रंग के मोदी जैकेट में जंच रहे थे जैकब जुमा और माइकल टेमर पर भी मोदी जैकेट खूब फब रहा था डिनर लेने से पहले मोदी और चारों मेहमानों ने ओडिशा के कलाकार सुदर्शन पटनायक की बनाई गई रेत की कलाकृति भी देखी मेजबान मोदी मेहमानों को पांचों देशों की विरासत के बारे में बताते दिखे इसके बाद ब्रिक्स के बॉस का फोटो सेशन हुआ और फिर मोदी जैकेट में जम रहे मेहमान ड़िनर की टेबल की ओर चले गए
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर यह जानकारी दी ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी का पानी रोकने के बाद दोनों देशों के रिश्ते तल्ख थे इस मुद्दे के बाद दोनों देशों के नेताओं की यह पहली मुलाकात है चीन ने तिब्बत में अपनी एक पनबिजली परियोजना के लिए ब्रह्मपुत्र नदी की एक सहायक नदी का पानी रोक दिया है चीन का कहना है कि वो इससे बिजली पैदा करेगा, पानी का इस्तेमाल सिंचाई के लिए करेगा और साथ ही इससे बाढ़ पर क़ाबू पाने में मदद मिलेगी चीन ने इस पनबिजली परियोजना पर वर्ष 2014 में काम शुरू किया था, जिसे वर्ष 2019 तक पूरा करना है
उरी हमले के लिए भारत ने  पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) को जिम्मेदार ठहराया था नरेंद्र मोदी ने चीन के प्रेसिडेंट से १५ अक्टूबर  को मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच बातचीत में आतंकवाद का मुद्दा अहम रहा। इस दौरान मोदी ने जिनपिंग से कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर मतभेद की गुंजाइश नहीं है। बाद में मोदी ने ट्वीट कर कहा- 'जिनपिंग के साथ मीटिंग फायदेमंद रही।अजहर को बैन करने को लेकर चीन से जारी रहेगी बातचीत...
भारत के विदेश विभाग के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया, 'दोनों नेताओं ने आतंकवाद पर अहम चर्चा की और इस बात पर राजी हुए कि इससे मुकाबले के लिए साझा कोशिशें बढ़ाने की जरूरत है।' 'पीएम मोदी ने जिनपिंग से कहा कि दोनों ही देश आतंकवाद के शिकार हैं और इससे पूरे रीजन में मुश्किल खड़ी हो सकती है।' चीनी प्रेसिडेंट ने कहा कि दोनों देशों को सिक्युरिटी डायलॉग और पार्टनरशिप को मजबूत करना चाहिए। दोनों देशों के बीच की समानताएं हमारे मतभेदों को कम कर सकती हैं।'
आतंकवाद से निपटने के लिए कॉम्प्रिहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म (सीसीआईटी) पर यूनाइटेड नेशन्स में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए भारत ब्रिक्स देशों के बीच एकता की पुरजोर वकालत कर सकता है। सीसीआईटी की पहल भारत की ओर से की गई थी, लेकिन यूएन के मेंबर्स के बीच आतंकवाद की परिभाषा को लेकर मतभेद के कारण यह फंसा पड़ा है। आतंकवाद से मुकाबले के लिए भारत ब्रिक्स देशों के बीच ज्यादा सहयोग पर जोर दे सकता है।
हालाँकि ब्रिक्स के समापन के समय ऐसा लगा कि चीन और रूस भारत के रुख का पूरा पूरा समर्थन नहीं कर पाए और चीन पाकिस्तान की ही तरफदारी करता रहा। फिर भी मोदी जी चीन को छोदानेवालों में से नहीं हैं। भारत में चीनी वस्तुओं का बहिष्कार का असर दिखने लगा है। सभी राष्ट्रों को अपने हित का भी ख्याल रखना पड़ता है। पर भारत के अन्दर  राष्ट्रवाद और देश भक्ति को बल मिला है, जिसे हर वर्ग के लोगों ने एक सुर से स्वीकार किया है।
उधर अमेरिका में  रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह भारतीयों और हिन्दुओं का बेहद सम्मान करते हैं वे शानदार उद्यमी होते हैं... आतंकवाद से निपटने की अपनी नीति को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा- हम चरम परीक्षण करके आतंकवाद से लड़ेंगे (मुस्लिम जगत में) कुछ ऐसा चल रहा है जो सकारात्मक ताकत नहीं है ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान टकराव पर भी बोला लेकिन इस बाबत कोई भी संकेत देने से इंकार कर दिया कि यदि वह सत्ता में आए तो उनका प्रशासनिक झुकाव किस ओर रहेगा उन्होंने कहा- भारत और पाकिस्तान के बीच काफी ज्यादा टकराव हैं. अभी हाल ही में (यूरी हमला)... कई लोग मारे गए... आशा करता हूं कि सबकुछ ठीक हो जाएगा..
ट्रंप के आतंकवाद के हिंदू पीड़ितों के लिए न्यूजर्सी में आयोजित एक चैरिटी समारोह में भारतीय अमेरिकियों को संबोधित करने पहुंचे थे. रिपब्लिकन हिंदू कोलिशन (आरएचसी) ने इस समारोह को आयोजित किया है ट्रंप ने समारोह में शामिल होने की पुष्टि करते हुए पिछले महीने एक लघु वीडियो संदेश में कहा था कि हिंदू समुदाय ने विश्व की सभ्यता एवं अमेरिकी संस्कृति में शानदार योगदान दिया है
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- भारत के लिए मेरे मन में बेहद सम्मान है. भारत में, मैं दरअसल, रियल एस्टेट में नौकरियां बढ़ते हुए देख रहा हूं... यह एक शानदार देश है अमेरिका में ट्रंप के प्रचार को जिन चुनिंदा अल्पसंख्यक समुदायों की ओर से उल्लेखनीय समर्थन मिल रहा है, उनमें भारतीय अमेरिकी भी शामिल हैं
उन्होंने कहा- कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के बाबत हमें काफी ज्यादा सतर्क होना होगा . हम दुनिया के ऐसे हिस्सों पर विशेष गौर करेंगे आरएचसी के संस्थापक एवं अध्यक्ष शलभ शाल्लीकुमार ने पिछले दिनों कहा था, ‘यह इतिहास बन रहा है अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी उम्मीदवार ने किसी हिंदू समारोह में शिरकत की हो इतना ही नहीं डॉनल्ड ट्रंप ने कहा वो राष्ट्रपति बनने के बाद मोदी की तरह काम करना चाहते हैं ट्रंप ने कहा कि नौकरशाही में मोदी जिस तरह भारत में बदलाव ला रहे हैं उसी तरह के बदलाव की जरूरत अमेरिका में भी है. ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें महान नेता बताया. ट्रंप ने कहा, ‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. भारत और अमेरिका सहज तौर पर एक दूसरे के सहयोगी हैं. मेरी सरकार बनी तो हमारी दोस्ती और बेहतर होगी बल्कि मैं ये कहना चाहता हूं कि हम बेस्ट फ्रेंड बन जाएंगे. मैं पीएम मोदी के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं. मोदी ऊर्जा से भरे हुए हैं और वो भारत की अफसरशाही में बदलाव करने में लगे हुए हैं वो एक शानदार शख्स हैं मोदी ने टैक्स सिस्टम को आसान किया है भारत 7 फीसद की रफ्तार से विकास कर रहा है. ये शानदार है, हमारी अर्थव्यवस्था बिल्कुल भी आगे नहीं बढ़ रही है
कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत ने जिस तरह अमेरिका का साथ दिया है हम उसकी सराहना करते हैं भारत ने आतंकवाद और सीमा पार से होने वाली हिंसा की बर्बरता को झेला है मुंबई वो शहर जिसे मैं जानता हूं और पसंद करता हूं वहां आतंकी हमला हुआ मुंबई और संसद पर हुआ आतंकी हमला बेहद वीभत्स और डरावना था. हम कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद को हराएंगे
अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद के हिंदू पीड़ितों के लिए न्यूजर्सी में आयोजित एक चैरिटी समारोह में भारतीय-अमरिकियों को संबोधित करते हुए ये सब बाते कहीं उस कार्यक्रम को रिपब्लिकन हिंदू कोलिशन(आरएचसी) ने आयोजित किया। यहाँ भी ट्रंप को भारतीयों को लुभाने की एक कोशिश हो सकती है जबकि ताजा सर्वेक्षण में हिलेरी आगे नजर आ रही हैं.  
निचोड़ यही है कि मोदी का दबदबा विश्व स्तर पर बढ़ा है और अधिकांश देशों का झुकाव भारत और मोदी की तरफ हुआ है इसे मोदी की अंतररास्ट्रीय स्तर पर सफलता के रूप में देखा जा सकता है अब विश्वगुरु बनने की राह पर भारत चल चुका है भारत के अन्दर मोदी के समर्थक बढ़ रहे हैं चाहे डर से या राष्ट्र भक्ति के नाम पर जय हिन्द! जय भारत!

-    जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर