अच्छा नहीं होता
गुस्सा
पर हो जाता है मन
में गुस्सा
जब कभी
मन माफिक नहीं होता
कोई भी काम
नहीं मानते अपने ही
कोई बात
फिर क्या करें ?
हो जाएँ मौन ?
फिर समझ पायेगा कौन?
आप सहमत हैं या
असहमत
क्योंकि
लोग तो यही कहेंगे
मौनं स्वीकृति
लक्षणं
मन में रखने से कोई
बात
हो जाता नहीं तनाव ?
तनाव और गुस्सा
दोनों है हानिकारक
तनाव खुद का करता
नुक्सान
गुस्सा खुद के साथ
दूसरों को भी
करता है परेशान
अत: छोड़ें गुस्सा
बढ़ने न दें तनाव
करें व्यायाम और
प्राणायाम
लेकर प्रभु का नाम
-जवाहर लाल सिंह
करें "योग" और मुक्त रहें "गुस्से और तनाव" से, सही प्रस्तुतिकरण! आदरणीय जे एल सर!
ReplyDeleteधरती की गोद
Thanks Shri Sanjay Garg Ji1
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