शिव बाबा की महिमा
शिव बाबा की कृपा से,
सब काम हो रहा है
हम माने या न माने,
कल्याण हो रहा है!
खुद विष का पान करके,
अमृत किया हवाले,
आशीष सबको देते,
विषधर गले में डाले.
तन में भभूत लिपटे,
तिरसूल को सम्हाले
आये शरण में कोई,
उसको गले लगा ले.
हम भक्त हैं उन्ही
के, ये भान हो रहा है! हम माने या न माने कल्याण हो रहा है!
रावण भी उनको भजता, राम
जी भी मानें,
जब भी पड़ी जरूरत,
देवों की बात माने
धारे हैं रूप कपि का,
हनुमान उनको जाने
रावण की लंका पहुंचे,
सीता का हाल पाने
कपी रूप में वही हैं,
अब भान हो रहा है , हम माने या न माने कल्याण हो रहा है!
माता सती के मन में संशय कभी हुआ था
बाबा के मन में उस
दिन, संताप ही हुआ था.
माता को त्याग मन
से, प्रत्यक्ष न कुछ कहा था.
पिता का यज्ञशाला, सती
ने ही खुद कहा था
पूजित अन्य सुर सब,
शिव अपमान हो रहा है! हम माने या न माने कल्याण हो रहा है!
डांटा सती ने पितु
को, खुद को भी खूब कोसा
जीवित न मैं रहूंगी,
अपने ही मन में सोचा
बलिदान की खुदी को, अग्नि में तन को झोंका
ऐसा भी कृत्य होगा, था
न किसी ने सोचा!
दक्ष राज को ग्लानी,
का भान हो रहा है . हम माने या न माने कल्याण हो रहा है!
शिव ने उठाया
त्रिशूल, सर दक्ष का काट डाला
आई जब उन्हें दया,
तब बकरे का जोड़ डाला
हिमवान के घर सती ने,
कन्या का रूप ढाला
यह है विधान विधि का,
मैना ने उनको पाला!
घनघोर तप से गौरी को
ज्ञान हो रहा है . हम माने या न माने कल्याण हो रहा है!
बालक हूँ बाबा तेरा, तप क्या मैं कर सकूंगा,
अंतर्मन साफ़ कर के, तेरा नाम ही जपूंगा
दुखियों को दान देकर,
संतुष्ट हो सकूंगा
हो ना अहित किसी का,
कोशिश मैं यही करूँगा
तू सत्यम शिवम
सुन्दरम, सद्ज्ञान हो रहा है. हम माने या न माने कल्याण हो रहा है!
जवाहर लाल सिंह
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