Monday, 8 June 2015

मैगी, मैंगो, मंदिर, मानसून, मुसलमान और मोदी

दो मिनट में तैयार होने वाला नूडल मैगी अब विषाक्त घोषित हो गया …लगभग पूरे देश में मैगी पर प्रतिबन्ध लग चुका है. नेस्ले इंडिया ने भी फिलहाल अपने इस प्रोडक्ट को बाजार से हटाने का फैसला कर लिया है जबकि उसका तर्क अभीतक यही है कि इसमें कोई भी हानिकारक पदार्थ मानक से ज्यादा नहीं है. पर अन्य सभी प्रयोगशालाएं एक साथ झूठ तो नहीं बोल सकती. काफी दिनों तक हर घर में लोकप्रिय नाश्ता और हल्के खाने के रूप में खाई जाने वाली मैगी अचानक विषाक्त हो गयी. ऐसा होता है इसी भारत वर्ष में रातों रात किसी को अच्छा या बुरा साबित करना बहुत आसान है. मीडिया है न! अगर जांच की जाय तो अन्य दूसरे खाद्य पदार्थों में भी विषाक्त पदार्थ की मात्रा मिलेगी, मिली भी है. मुनाफाखोर हर चीज में मिलावट करते हैं और जांच अधिकारी कितने सक्षम हैं, यह हम सभी जानते हैं. वैसे नेस्ले के अन्य उत्पाद जैसे दूध और चोकोलेट में कीड़े होने की खबरें भी आती रही हैं. फिर भी लोग धरल्ले से इस्तेमाल करते ही हैं. कोल्ड ड्रिंक्स, पैक्ड फ़ूड को ज्यादा दिन तक सुरक्षित रखने के लिए कई प्रकार के रसायनों का प्रयोग होता है, वह भी किसी न किसी प्रकार हानिकारक ही होता है. सब्जियों और फल को भी ज्यादा दिन तक ताजा रखने के लिए जो उपाय किये जाते हैं, ज्यादा उत्पादन के लिए जो रसायन उपयोग में लाये जाते हैं वह भी हानिकारक ही होते हैं. सवाल है कि इन पर नियंत्रण कौन करेगा. अब डीजल के गाड़ियों से निकलनेवाले धुंएँ भी कम हानिकारक नहीं हैं, पर उपाय क्या है? क्या सभी डीजल गाड़ियों को बंद कर दी जाय? बात चल भी रही है, पर विकल्प क्या है? क्या पता कल पेट्रोल के धुंएँ से हानिकारक अवयव न निकलेंगे? फ़ास्ट लाइफ, फास्ट फ़ूड, विकास सब कुछ अंततोगत्वा हानिकारक ही है. दवाइयां जो हम सेवन करते हैं, उनके भी साइड इफ़ेक्ट होते हैं. हवा का रुख कभी-कभी निर्धारित करता है कि किस पर बैन लगाना है और किस पर नहीं.
भारतीय खाद्य सुरक्षा नियामकों ने शुक्रवार को मैगी नूडल्स की सभी नौ वैरायटी को बाजार से हटाए जाने और इसके विनिर्माण और बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया जबकि नेस्ले ने कहा कि बेबुनियाद कारणों से मैगी की गुणवत्ता को लेकर भ्रम पैदा हुआ. दिल्ली, उत्तराखंड, तमिलनाडु , जम्मू कश्मीर और गुजरात के बाद मध्य प्रदेश ने भी जहां मैगी नूडल्स पर रोक लगाने का फैसला किया तो वहीं स्विस कंपनी के वैश्विक मामलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पॉल बल्के ने कहा कि यह खाने के लिए पूरी तरह सुरक्षित है. उन्होंने जल्द से जल्द उपभोक्ताओं का विश्वास जीतने और लोकप्रिय स्नैक की वापसी कराने का वादा किया. फटाफट नूडल्स में एमएसजी और सीसे की कथित मौजूदगी को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद नेस्ले इंडिया ने मैगी नूडल्स को बाजार से वापस मंगाने का फैसला किया है. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कंपनी को मैगी की सभी नौ वैरायटी को बाजार से वापस मंगाने का आदेश देते हुए उन्हें लोगों के खाने के लिहाज से असुरक्षित और खतरनाक बताया.
नियामक ईकाई ने नेस्ले को एक कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर यह जवाब देने को कहा कि क्यों न उसे नौ वैरायटी के लिए दी गयी उत्पाद मंजूरी को वापस ले लिया जाए. एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वाई एस मलिक द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है, कंपनी को इस संबंध में तीन दिन के भीतर एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया जाता है. साथ ही कंपनी नूडल्स को वापस मंगाए जाने की प्रगति रिपोर्ट इस प्रक्रिया के पूर्ण होने तक प्रतिदिन के आधार पर दाखिल करे.
राष्ट्रीय स्तर पर इस विवाद के पैदा होने के चलते बल्के हालात का जायजा लेने के लिए स्विटजरलैंड से यहां आए हैं. उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि हमें लगता है कि बेबुनियाद कारणों से भ्रम पैदा हुआ और उपभोक्ताओं का भरोसा डगमगा गया. सीईओ ने कहा कि हम दुनिया में जो गुणवत्ता मानक और विधियां अपनाते हैं, भारत में भी उन्हीं को अपनाया गया. हमारी जांच में पाया गया है कि मैगी पूरी तरह सुरक्षित है.
उन्होंने कहा कि कंपनी मैगी को जितना जल्द संभव हो सके, वापस लाने के प्रयासों के तहत यह पता लगाने के मकसद से भारत में प्रशासन के साथ जांच के तौर तरीकों को साझा कर रही है कि कैसे प्रशासन द्वारा की गयी जांच में सीसे की मात्रा निर्धारित स्तर से अधिक पायी गयी है. बल्के ने कहा, हमारा मुख्य ध्यान उपभोक्ताओं का भरोसा जीतने पर केंद्रित है.
मुझे लगता है कि अब क्या ‘मेक इन इंडिया’ के तहत क्या यह समय नहीं आ गया है कि हम भारतीय खाद्य पदार्थों को ज्यादा परिष्कृत और प्रचार कर उसे ही उपयोग में लाने के लिए लोगों को प्रेरित करें. हमारे यहाँ का भूंजा, चूड़ा, सत्तू, ठेकुआ, निमकी, चनाचूर, खाजा, खोरमा, गाजा, बुंदिया, सोनपापड़ी एवं अन्य प्रादेशिक खाद्य एवं पकवान ऐसे हैं जो स्वादिष्ट तो हैं ही उन्हें भी काफी दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है, बिना कोई रसायन मिलाये. 
अब आइये मैंगो की भी चर्चा कर लें – १ अणे मार्ग जो बिहार के मुख्य मंत्री का निवास स्थान है उसे जीतन राम मांझी मुख्य मंत्री पद से हटने के बाद अभी खाली नहीं किया है. अब कहते हैं कायदे के अनुसार मुख्य मंत्री निवास की संपत्ति सरकारी होती है और उसकी देखभाल की जिम्मेवारी भी सरकार के अधीन पुलिस कर्मी की है. मीडिया में खबरें चली २४ सुरक्षा कर्मी लगाये गए हैं आम, कटहल और लीची की निगरानी के लिए. जीतन राम भला इसका राजनीतिक लाभ लेने से क्यों चूकते. कहने लगे – ‘हम दलित हैं, इसलिए हमें आम खाने से नितीश जी रोक रहे हैं. ये सब ख़बरें और इस पर बहस चल ही रही थी की लालू जी और राबड़ी जी भी प्रकट हो गयीं उनके अनुसार वो सारे पेड़ तो हमने लगाये थे इसलिए उसके फल पर पहला अधिकार उनका है. पर ये सब निरर्थक बातें है जिसे मीडिया में खबर चलाने और बहस करने के लिए कुछ वक्ताओं, प्रवक्ताओं को ढूढ़ निकाला जाता है. भाजपा को किस तरह से फायदा हो और नितीश बदनाम हों, मुख्य मुद्दा यही है.
राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर सामने आया है जिसे विनय कटियार ने सामने लाया है और समर्थन किया है साक्षी महाराज ने यह कहकर कि दुनिया की कोई ताकत राम मंदिर बनाने से रोक नहीं सकती …पहले बनाना शुरू तो करो तब न रोक की बात होगी अभी तो भाजपा को दो तिहाई बहुमत चाहिए और राज्य सभा में भी बहुमत चाहिए तब न संविधान में संशोधन होगा.
ख़राब मानसून की भविष्यवाणी ने सबको विचलित कर दिया. रिजर्वे बैंक के गवर्नर रघुराम राजन तक भी इससे भयभीत दिखे. पर अब अरुण जेटली ने ढाढस बंधाया है कि देश में पर्याप्त अनाज के भंडार हैं…. दाल के बिना भी तो भात खाया जा सकता है, रोटी के साथ दाल नहीं, सब्जी ही ठीक रहेगी. दालों के आयात का कोई प्रयास किया जा रहा है या नहीं यह अभी प्रकाश में नहीं आया है, तबतक मुनाफाखोर मुनाफा वसूली कर लें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में 30 नेता शामिल थे. ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के मुख्य इमाम उमर अहमद इल्यासी के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल के साथ लगभग सवा घंटे की बैठक में प्रधानमंत्री ने मुस्लिम समुदाय से जुड़े विभिन्न सामाजिक और शैक्षिणक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. इल्याासी ने बताया कि मोदी ने सबसे अलग-अलग मुलाकात की और सबको खुद चाय सर्व की. उन्होंने साथ में नाश्ताो भी किया. बातचीत के दौरान मोदी ने मुस्लिम नेताओं से कहा, “अगर आपको रात 12 बजे भी मेरी जरूरत पड़ती है तो मैं आपके लिए उपलब्ध हूं.” इसे मोदी जी की मुसलमानों के बीच भी लोकप्रिय होने के लिए एक अच्छे कदम के रूप में देखा जाना चाहिए. तभी संभव होगा सबका साथ और सबका विकास.
- जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर.

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