दीवाली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात भारतीय सैनिकों के साथ कुछ समय बिताया। मोदी ने वहां संदेश दिया कि सभी भारतीय उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। बर्फीली ऊंची चोटियों से मोदी ने दीपावली के मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और सेना के अधिकारियों-जवानों को बधाई दी। इसके बाद प्रधानमंत्री श्रीनगर पहुंचे जहां वह बाढ़ पीड़ितों के साथ दिवाली मनाएंगे। मोदी ने जम्मू ऐंड कश्मीर में आई प्राकृतिक आपदा में राहत के लिए 745 करोड़ रुपए की सहायता देने की घोषणा की।
सियाचिन पहुंचकर मोदी ने ट्वीट किया, ‘शायद पहली बार किसी प्रधानमंत्री को दीपावली के शुभ दिन हमारे जवानों के साथ समय बिताने का अवसर मिला है। बर्फ की ऊंची चोटियों से और अपने बहादुर जवानों और सशस्त्र बलों के अधिकारियों को मैं शुभ दीपावली की कामना करता हूं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सियाचिन से शुभ दिपावली की शुभकामना। मैं समझता हूं कि प्रणब दा को मिली बधाइयों में यह अनोखी होगा।’
दिल्ली से रवाना होने से पहले मोदी ने कहा, ‘मैं प्रत्येक भारतीय की ओर से यह संदेश लेकर सियाचिन जा रहा हूं कि हम आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।’ देश के प्रहरियों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, चाहे यह ऊंचाई हो या भीषण ठंड, हमारे सैनिकों को कोई नहीं रोक सकता। वे वहां खड़े हैं और देश की सेवा कर रहे हैं। वे हमें सही मायने में गौरवान्वित कर रहे हैं।
सियाचिन के संक्षिप्त दौरे के बाद मोदी श्रीनगर रवाना हो गए। यहां मोदी का जम्मू व कश्मीर में पिछले महीने आई विनाशकारी बाढ़ के पीड़ितों के साथ दिवाली मनाने का कार्यक्रम है। मोदी ने इस प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हुए मकानों की मरम्मत के लिए 570 करोड़ रुपए और बाढ़ प्रभावित छह प्रमुख अस्पतालों के नवीकरण के लिए 175 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने राज्य की जनता को आश्वासन दिया कि बाढ़ प्रभावितों के सहायता क्रार्य में केंद्र सरकार प्रदेश सरकार के साथ पूरे मनोयोग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगी। उन्होंने राज्य के बच्चों को पुस्तक सामग्री उपलब्ध कराने की बात भी कही जो बाढ़ के कारण नष्ट हो गई हैं।
अपने देश का शायद ये पहले प्रधान मंत्री होंगे जो इस तरह दीवाली मनाएं हैं. क्या होता अगर वे अपने दफ्तर से ही शुभकामना सन्देश भेज देते ? पर उन्होंने ऐसा नहीं किया सियाचीन की ठंढक और जवानों की गर्मी को महसूस करने स्वयं पहुँच गए. जम्मू कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुँच कर उनके मदद की घोषणा करना यह भी एक अनूठी पहल है. इसे कहते हैं अँधेरे को रोशन करना.
हम सबों ने खूब दिए जलाये, पटाखे फोड़े … पर शायद ही यह ख्याल किसी के मन में आया होगा कि किसी जरूरत मंद, कमजोर, निर्धन को मदद कर भी दीवाली मनाई जा सकती है. ये है हमारे प्रधान मंत्री/प्रधान सेवक का मानवीय पहलू जो जनता के दिल में जगह बनाये रखने के लिए काफी है. अभी हाल ही में हुद हुद तूफ़ान के समय विशाखा पटनम में राहत कार्यक्रमों को देखा और १००० करोड़ की मदद की भी घोषणा की. आगे भी वे देश के हर हिस्से की जरूरत को देखते हुए मदद करने का हर सम्भव प्रयास करते रहेंगे. ऐसी आशा की जानी चाहिुए.
वैसे पाकिस्तान ने सरहदों पर पटाखे तो फोड़े ही, पाकिस्तानी संसद ने भी भारत पर गोले दागने का ही काम किया, क्या करें? उनके पास इसके अलावा कोई चारा भी नहीं है. पूरे भारत देश में दीवाली जम कर मनाई गयी. प्रदूषण और दीवाली के बाद आतिशबाजियों से हुई गन्दगी का किसे परवाह. वैसे हर पर्व खासकर दीवाली तो सफाई के सन्देश के साथ आता है और अंत में कुछ गंदगी छोड़ जाता है. हमारे पर्व त्योहार के दोनों पक्ष है. एक तरफ सफाई, खुशी और भाई-चारे का सन्देश तो कुछ स्याह पहलू भी हैं. कभी गंदगी, राजनीति तो कभी वैभनस्य और हादसे भी छोड़ जाता है. इस बार भी कई जगह पटाखों के दुकानों में आग लगी और जान माल का नुक्सान भी हुआ.
वैसे श्री मोदी की दीवाली तो १९ अक्टूबर को हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनाव परिणाम आने के साथ ही शुरू हो गयी थी. २५ अक्टूबर को दिल्ली में पत्रकारों से मिलते हुए उन्होंने पत्रकारों की सराहना की और कहा कि, कलम में, कैमरे में बड़ी शक्ति होती है, ये चाहें तो सरकारें बदल सकती है, बना सकती है, गिरा सकती है. साथ ही स्वच्छता अभियान पर पत्रकारों के कैमरे और कलम दोनों को सराहा. मोदी के स्वच्छता अभियान में सचिन तेंदुलकर से लेकर मारी कॉम तक, सलमान खान के साथ-साथ पूरा बॉलीवुड झाड़ू लगाने आगे आया और अब तो शशि थरूर भी. इसे कहते है बदलाव. २६ अक्टूबर को एन डी ए के सांसदों का प्रधान मंत्री के साथ दीवाली मिलन के कार्यक्रम में भी उन्होंने सभी सांसदों को जनता और गरीबों के हितों के लिए काम करने का ही मन्त्र दिया, साथ हे कुछ मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड भी देख लिए.
हरियाणा और महाराष्ट्र के विधान सभाओं में जीत यह दर्शाता है कि जनता अभी भी मोदी को ही आशा भरी नजरों से देख रही है. धीरे धीरे कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियों का वर्चस्व कम होता जायेगा और मोदी भाजपा के सर्वमान्य नेता बने रहेंगे. निरंतर सुधार की गुंजाईश हमेशा बनी रहती है इसीलिये उन्हें कानून ब्यवस्था, महिला उत्पीड़न और दुष्कर्म जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के हर सम्भव प्रयास करने चाहिए. भ्रष्ट नेताओं को जनता ही सबक सीखा रही है, जैसा कि पिछले चुनावों में हुआ है. काला धन रखने वाले कम से कम तीन कारोबारियों के नाम तो उजागर हुए हैं. अर्थात मोदी सरकार कार्यरत है यह तो जाहिर हो रहा है.
लोकप्रियता के पैमाने पर अगर देखा जाय तो अमिताभ बच्चन भी कम नहीं हैं. देश का हर आदमी उनसे बात कर, मिलकर अपने आप को धन्य समझता है. कौन बनेगा करोड़पति के माध्यम से वे हर प्रकार/श्रेणी के लोगों से मिलते हैं, उनका उत्साह बढ़ाते हैं और उनके साथ, गले लगाने से लेकर डांस करने भी नहीं हिचकते. यह सब मानवीय पहलू है, जो लोगों को आम लोगों से अलग करता है.
लोकप्रियता के मामले में हास्य कलाकार और हाजिर जवाब कपिल शर्मा भी उभरकर सामने आए हैं. लोगों को हँसाना/ खुश करना साधारण बात नहीं है. कपिल आज उच्च कोटि के हास्य कलाकार बने हैं और काफी पॉपुलर अभिनेता/अभिनेत्रियां उनके शो पर अपने फिल्म का प्रोमोसन करने के लिए आ रहे हैं. सुनील गावस्कर से लेकर युवराज सिंह तक क्रिकेट प्लेयर भी उनके शो पर आ रहे हैं और अपने खुशी के पल बाँटते हैं.
मनुष्य के जीवन में सुख और दुःख आते रहते हैं, दुखों में न घबराकर सुख में आनंद के क्षण को साझा करना दूसरों को खुश कर देना बहुत बड़ा गुण है ऐसे गुण जिनमे आ जाय वे व्यक्ति महान बन जाते हैं.
टी वी चैनेल के कुछ कार्यक्रम अच्छे और शिक्षाप्रद होते हैं, पर कुछ चैनल अश्लीलता और फूहड़ता फ़ैलाने में भी आगे हैं. टी वी और फ़िल्में मनोरंजन का साधन तो है ही उनके द्वारा समाज को सार्थक सन्देश भी दिया जा रहा है. अक्सर भले और बुरे लोग आजकल फ़िल्में या टी वी के कार्यक्रम देखकर बन रहे हैं. पर बाजारवाद इतना हावी हो गया है कि सभी चैनेल अपनी टी आर पी बढ़ाने और विज्ञापन बटोड़ने के जुगाड़ में लगे रहते हैं. थोड़ा जन-कल्याण की तरफ़ भी इन्हे ध्यान देना चाहिए. सूचना तंत्र आज जितना विकसित हुआ है, उसका फायदा और नुक्सान दोनों सामने है. हमें सकारात्मकता की तरफ ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
आज से शुरू होने वाले बिहार, झारखण्ड और पूर्वांचल में होने वाले लोक-आस्था के महान पर्व छठ की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ.
- जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर
सियाचिन पहुंचकर मोदी ने ट्वीट किया, ‘शायद पहली बार किसी प्रधानमंत्री को दीपावली के शुभ दिन हमारे जवानों के साथ समय बिताने का अवसर मिला है। बर्फ की ऊंची चोटियों से और अपने बहादुर जवानों और सशस्त्र बलों के अधिकारियों को मैं शुभ दीपावली की कामना करता हूं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सियाचिन से शुभ दिपावली की शुभकामना। मैं समझता हूं कि प्रणब दा को मिली बधाइयों में यह अनोखी होगा।’
दिल्ली से रवाना होने से पहले मोदी ने कहा, ‘मैं प्रत्येक भारतीय की ओर से यह संदेश लेकर सियाचिन जा रहा हूं कि हम आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।’ देश के प्रहरियों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, चाहे यह ऊंचाई हो या भीषण ठंड, हमारे सैनिकों को कोई नहीं रोक सकता। वे वहां खड़े हैं और देश की सेवा कर रहे हैं। वे हमें सही मायने में गौरवान्वित कर रहे हैं।
सियाचिन के संक्षिप्त दौरे के बाद मोदी श्रीनगर रवाना हो गए। यहां मोदी का जम्मू व कश्मीर में पिछले महीने आई विनाशकारी बाढ़ के पीड़ितों के साथ दिवाली मनाने का कार्यक्रम है। मोदी ने इस प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हुए मकानों की मरम्मत के लिए 570 करोड़ रुपए और बाढ़ प्रभावित छह प्रमुख अस्पतालों के नवीकरण के लिए 175 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने राज्य की जनता को आश्वासन दिया कि बाढ़ प्रभावितों के सहायता क्रार्य में केंद्र सरकार प्रदेश सरकार के साथ पूरे मनोयोग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगी। उन्होंने राज्य के बच्चों को पुस्तक सामग्री उपलब्ध कराने की बात भी कही जो बाढ़ के कारण नष्ट हो गई हैं।
अपने देश का शायद ये पहले प्रधान मंत्री होंगे जो इस तरह दीवाली मनाएं हैं. क्या होता अगर वे अपने दफ्तर से ही शुभकामना सन्देश भेज देते ? पर उन्होंने ऐसा नहीं किया सियाचीन की ठंढक और जवानों की गर्मी को महसूस करने स्वयं पहुँच गए. जम्मू कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुँच कर उनके मदद की घोषणा करना यह भी एक अनूठी पहल है. इसे कहते हैं अँधेरे को रोशन करना.
हम सबों ने खूब दिए जलाये, पटाखे फोड़े … पर शायद ही यह ख्याल किसी के मन में आया होगा कि किसी जरूरत मंद, कमजोर, निर्धन को मदद कर भी दीवाली मनाई जा सकती है. ये है हमारे प्रधान मंत्री/प्रधान सेवक का मानवीय पहलू जो जनता के दिल में जगह बनाये रखने के लिए काफी है. अभी हाल ही में हुद हुद तूफ़ान के समय विशाखा पटनम में राहत कार्यक्रमों को देखा और १००० करोड़ की मदद की भी घोषणा की. आगे भी वे देश के हर हिस्से की जरूरत को देखते हुए मदद करने का हर सम्भव प्रयास करते रहेंगे. ऐसी आशा की जानी चाहिुए.
वैसे पाकिस्तान ने सरहदों पर पटाखे तो फोड़े ही, पाकिस्तानी संसद ने भी भारत पर गोले दागने का ही काम किया, क्या करें? उनके पास इसके अलावा कोई चारा भी नहीं है. पूरे भारत देश में दीवाली जम कर मनाई गयी. प्रदूषण और दीवाली के बाद आतिशबाजियों से हुई गन्दगी का किसे परवाह. वैसे हर पर्व खासकर दीवाली तो सफाई के सन्देश के साथ आता है और अंत में कुछ गंदगी छोड़ जाता है. हमारे पर्व त्योहार के दोनों पक्ष है. एक तरफ सफाई, खुशी और भाई-चारे का सन्देश तो कुछ स्याह पहलू भी हैं. कभी गंदगी, राजनीति तो कभी वैभनस्य और हादसे भी छोड़ जाता है. इस बार भी कई जगह पटाखों के दुकानों में आग लगी और जान माल का नुक्सान भी हुआ.
वैसे श्री मोदी की दीवाली तो १९ अक्टूबर को हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनाव परिणाम आने के साथ ही शुरू हो गयी थी. २५ अक्टूबर को दिल्ली में पत्रकारों से मिलते हुए उन्होंने पत्रकारों की सराहना की और कहा कि, कलम में, कैमरे में बड़ी शक्ति होती है, ये चाहें तो सरकारें बदल सकती है, बना सकती है, गिरा सकती है. साथ ही स्वच्छता अभियान पर पत्रकारों के कैमरे और कलम दोनों को सराहा. मोदी के स्वच्छता अभियान में सचिन तेंदुलकर से लेकर मारी कॉम तक, सलमान खान के साथ-साथ पूरा बॉलीवुड झाड़ू लगाने आगे आया और अब तो शशि थरूर भी. इसे कहते है बदलाव. २६ अक्टूबर को एन डी ए के सांसदों का प्रधान मंत्री के साथ दीवाली मिलन के कार्यक्रम में भी उन्होंने सभी सांसदों को जनता और गरीबों के हितों के लिए काम करने का ही मन्त्र दिया, साथ हे कुछ मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड भी देख लिए.
हरियाणा और महाराष्ट्र के विधान सभाओं में जीत यह दर्शाता है कि जनता अभी भी मोदी को ही आशा भरी नजरों से देख रही है. धीरे धीरे कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियों का वर्चस्व कम होता जायेगा और मोदी भाजपा के सर्वमान्य नेता बने रहेंगे. निरंतर सुधार की गुंजाईश हमेशा बनी रहती है इसीलिये उन्हें कानून ब्यवस्था, महिला उत्पीड़न और दुष्कर्म जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के हर सम्भव प्रयास करने चाहिए. भ्रष्ट नेताओं को जनता ही सबक सीखा रही है, जैसा कि पिछले चुनावों में हुआ है. काला धन रखने वाले कम से कम तीन कारोबारियों के नाम तो उजागर हुए हैं. अर्थात मोदी सरकार कार्यरत है यह तो जाहिर हो रहा है.
लोकप्रियता के पैमाने पर अगर देखा जाय तो अमिताभ बच्चन भी कम नहीं हैं. देश का हर आदमी उनसे बात कर, मिलकर अपने आप को धन्य समझता है. कौन बनेगा करोड़पति के माध्यम से वे हर प्रकार/श्रेणी के लोगों से मिलते हैं, उनका उत्साह बढ़ाते हैं और उनके साथ, गले लगाने से लेकर डांस करने भी नहीं हिचकते. यह सब मानवीय पहलू है, जो लोगों को आम लोगों से अलग करता है.
लोकप्रियता के मामले में हास्य कलाकार और हाजिर जवाब कपिल शर्मा भी उभरकर सामने आए हैं. लोगों को हँसाना/ खुश करना साधारण बात नहीं है. कपिल आज उच्च कोटि के हास्य कलाकार बने हैं और काफी पॉपुलर अभिनेता/अभिनेत्रियां उनके शो पर अपने फिल्म का प्रोमोसन करने के लिए आ रहे हैं. सुनील गावस्कर से लेकर युवराज सिंह तक क्रिकेट प्लेयर भी उनके शो पर आ रहे हैं और अपने खुशी के पल बाँटते हैं.
मनुष्य के जीवन में सुख और दुःख आते रहते हैं, दुखों में न घबराकर सुख में आनंद के क्षण को साझा करना दूसरों को खुश कर देना बहुत बड़ा गुण है ऐसे गुण जिनमे आ जाय वे व्यक्ति महान बन जाते हैं.
टी वी चैनेल के कुछ कार्यक्रम अच्छे और शिक्षाप्रद होते हैं, पर कुछ चैनल अश्लीलता और फूहड़ता फ़ैलाने में भी आगे हैं. टी वी और फ़िल्में मनोरंजन का साधन तो है ही उनके द्वारा समाज को सार्थक सन्देश भी दिया जा रहा है. अक्सर भले और बुरे लोग आजकल फ़िल्में या टी वी के कार्यक्रम देखकर बन रहे हैं. पर बाजारवाद इतना हावी हो गया है कि सभी चैनेल अपनी टी आर पी बढ़ाने और विज्ञापन बटोड़ने के जुगाड़ में लगे रहते हैं. थोड़ा जन-कल्याण की तरफ़ भी इन्हे ध्यान देना चाहिए. सूचना तंत्र आज जितना विकसित हुआ है, उसका फायदा और नुक्सान दोनों सामने है. हमें सकारात्मकता की तरफ ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
आज से शुरू होने वाले बिहार, झारखण्ड और पूर्वांचल में होने वाले लोक-आस्था के महान पर्व छठ की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ.
- जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर