३२ विधायकों के साथ उभरी भाजपा को बैकफुट पर धकेलती, २८ विधायकों वाली ‘आम आदमी पार्टी’ दिल्ली के उपराज्यपाल से निमंत्रण पाती है. तत्काल कांग्रेस के ८ विधायकों का बिना शर्त समर्थन की चिट्ठी उप राज्यपाल तक पहुँच जाती है, तब भी ‘आप’ के संयोजक और विधायक दल के नेता को सरकार बनाने की कोई जल्दी नहीं. जनता की आम राय से फैसला… आखिर जनता ने ही उन्हें चुनकर भेजा है. बिना कोई सुरक्षा के बिना लाल, पीली बत्ती वाली गाड़ी के, मेट्रो द्वारा रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण के लिए जाना … लाखों जनता के बीच शपथ ग्रहण और संबोधन ….सब कुछ अजूबा सा लगता है. सरकार बनाने की शपथ लेने से पहले जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्या सुनना. कुछ नया करने की तमन्ना … रामलीला मैदान में आम आदमी, महिला, बुजुर्ग, नवयुवकों का उत्साह के साथ उपस्थिति दर्ज कराना…. स्वानुशासित भीड़!
काफी विवादों से गुजरने के बाद सभी पार्टियाँ और दूसरी पार्टियों के नेता भी शुभकामनायें देने लगे. अपने कार्यकर्ताओं को आम आदमी से सीख लेने को कहने लगे हैं. इसी बीच सी. एन. जी, और पी. एन. जी. के दामों में वृद्धि कर एक और महंगाई की मार करने वाली केंद्र सरकार पर उंगली उठाई … ऑटो चालकों से अरविन्द केजरीवाल का मिलना…. ‘दो दिन तो रुक जाते! दामों में वृद्धि करने से पहले मशवरा तो कर लेते!’
लोगों की आशाएं, बिजली, पानी, भ्रष्टाचार से मुक्ति, भ्रष्ट अफसरों में हरकंप, अनिल कपूर के नायक की तरह … देखना है, अरविन्द नए सूरज की रोशनी में और अधिक खिलते हैं या … जोश भी है, उत्साह भी है, साथ भी है, वर्तमान के साथ स्वर्णिम भविष्य भी है.
“कौन कहता है कि आसमां में सूराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों.” – मशहूर शेर.
अरविन्द की अभी तक की जिन्दगी की दास्तान यही कहती है कि उनके हिम्मत और जोश ने उनके कंटीले रास्ते को भी आसान किया है.
पहले संबोधन में ही समर्थन करने वाली कांग्रेस पार्टी के साथ दूसरी(भाजपा) को भी ललकार कर कहना – विश्वास में पास या फेल की चिंता उन्हें नहीं है, वे तो फिर से चुनाव में जाने के लिए तैयार बैठे हैं, क्योंकि उन्हें सत्ता सुख का मोह नहीं. उन्हें ‘आम आदमी’ के लिए काम करना है. चिंता दूसरी पार्टियों को करना है क्योंकि दूसरी पार्टियों से लोग ‘आप’ की तरफ खींचे चले आ रहे हैं. ऐसे में भाजपा पूरी तरह से रक्षात्मक खेल खेल रही है. ‘आप’ को बदनाम करने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती. ऐसे में नितिन गडकरी का सनसनी खेज खुलासा कि किसी उद्योगपति ने कराई ‘आप’ ओर कांग्रेस की ‘डील’. अब यह सब कहने का कोई फायदा नहीं … आपने मौका गंवाया है. आप भी ‘आप’ को बिना समर्थन दे सकते थे, जैसा कि कांग्रेस ने किया अब कांग्रेस और आप में ‘डील’ कहने से क्या फायदा. आपने मैदान छोड़ा … ४ विधायक का जुगाड़ नहीं कर सके या डर गए!
ऐसा शायद पहली बार ही देखने सुनने में आया है कि शपथ दिलानेवाले उप राज्यपाल ने पूरा शपथ पढ़ा हो और शपथ लेने वाले उसे दुहराते हैं. इस बार सभी सातो शपथ लेने वाले मंत्रियों के साथ यह सिलसिला जारी रहा.
लोगों के मन में आशंकाएं है ‘आप’ को भी है. पर विजय रथ पर सवार भला हार जीत की कब परवाह करता है. रिश्वत लेनेवाले को रंगे हाथ पकड़ने का ऐलान. सत्ता सम्हालते ही कुछ अफसरों का तबादला(सभी अफसर भ्रष्ट नहीं हैं), और अस्पताल का औचक निरीक्षण!… कुछ दिन तो दीजिये इस नयी युवा की टीम को!
और एक पैगाम – “इन्सान का इन्सान से हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा ….”
वन्दे मातरम!
शुभकामनायें इस नयी टीम को! अन्ना के अर्जुन को!
अभी अभी कल ही ABP न्यूज़ पर टाटा स्टील, जमशेदपुर के एक अधिकारी का साक्षात्कार देखा जो अरविंद केजरीवाल के साथ टाटा स्टील के ही जी. टी. होस्टल में रहते थे. उन अधिकारी के अनुसार शनिवार,रविवार या अन्य छुट्टी के दिनों में जब वे लोग पिकनिक या सैर सपाटे को निकल पड़ते थे – अरविंद पास की बस्ती में बच्चों, नौजवानों को पढ़ाने के लिए निकल पड़ते थे.ऐसे जुनूनी आदमी के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है. ईश्वर में अटूट बिश्वास के साथ अपनी आत्मा की आवाज़ पर आगे बढ़ते जाने का नाम ही अरविंद केजरीवाल है…. रोको मत, उसे जाने दो! नया इतिहास बनाने दो!
-जवाहर लाल सिंह. जमशेदपुर.
काफी विवादों से गुजरने के बाद सभी पार्टियाँ और दूसरी पार्टियों के नेता भी शुभकामनायें देने लगे. अपने कार्यकर्ताओं को आम आदमी से सीख लेने को कहने लगे हैं. इसी बीच सी. एन. जी, और पी. एन. जी. के दामों में वृद्धि कर एक और महंगाई की मार करने वाली केंद्र सरकार पर उंगली उठाई … ऑटो चालकों से अरविन्द केजरीवाल का मिलना…. ‘दो दिन तो रुक जाते! दामों में वृद्धि करने से पहले मशवरा तो कर लेते!’
लोगों की आशाएं, बिजली, पानी, भ्रष्टाचार से मुक्ति, भ्रष्ट अफसरों में हरकंप, अनिल कपूर के नायक की तरह … देखना है, अरविन्द नए सूरज की रोशनी में और अधिक खिलते हैं या … जोश भी है, उत्साह भी है, साथ भी है, वर्तमान के साथ स्वर्णिम भविष्य भी है.
“कौन कहता है कि आसमां में सूराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों.” – मशहूर शेर.
अरविन्द की अभी तक की जिन्दगी की दास्तान यही कहती है कि उनके हिम्मत और जोश ने उनके कंटीले रास्ते को भी आसान किया है.
पहले संबोधन में ही समर्थन करने वाली कांग्रेस पार्टी के साथ दूसरी(भाजपा) को भी ललकार कर कहना – विश्वास में पास या फेल की चिंता उन्हें नहीं है, वे तो फिर से चुनाव में जाने के लिए तैयार बैठे हैं, क्योंकि उन्हें सत्ता सुख का मोह नहीं. उन्हें ‘आम आदमी’ के लिए काम करना है. चिंता दूसरी पार्टियों को करना है क्योंकि दूसरी पार्टियों से लोग ‘आप’ की तरफ खींचे चले आ रहे हैं. ऐसे में भाजपा पूरी तरह से रक्षात्मक खेल खेल रही है. ‘आप’ को बदनाम करने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती. ऐसे में नितिन गडकरी का सनसनी खेज खुलासा कि किसी उद्योगपति ने कराई ‘आप’ ओर कांग्रेस की ‘डील’. अब यह सब कहने का कोई फायदा नहीं … आपने मौका गंवाया है. आप भी ‘आप’ को बिना समर्थन दे सकते थे, जैसा कि कांग्रेस ने किया अब कांग्रेस और आप में ‘डील’ कहने से क्या फायदा. आपने मैदान छोड़ा … ४ विधायक का जुगाड़ नहीं कर सके या डर गए!
ऐसा शायद पहली बार ही देखने सुनने में आया है कि शपथ दिलानेवाले उप राज्यपाल ने पूरा शपथ पढ़ा हो और शपथ लेने वाले उसे दुहराते हैं. इस बार सभी सातो शपथ लेने वाले मंत्रियों के साथ यह सिलसिला जारी रहा.
लोगों के मन में आशंकाएं है ‘आप’ को भी है. पर विजय रथ पर सवार भला हार जीत की कब परवाह करता है. रिश्वत लेनेवाले को रंगे हाथ पकड़ने का ऐलान. सत्ता सम्हालते ही कुछ अफसरों का तबादला(सभी अफसर भ्रष्ट नहीं हैं), और अस्पताल का औचक निरीक्षण!… कुछ दिन तो दीजिये इस नयी युवा की टीम को!
और एक पैगाम – “इन्सान का इन्सान से हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा ….”
वन्दे मातरम!
शुभकामनायें इस नयी टीम को! अन्ना के अर्जुन को!
अभी अभी कल ही ABP न्यूज़ पर टाटा स्टील, जमशेदपुर के एक अधिकारी का साक्षात्कार देखा जो अरविंद केजरीवाल के साथ टाटा स्टील के ही जी. टी. होस्टल में रहते थे. उन अधिकारी के अनुसार शनिवार,रविवार या अन्य छुट्टी के दिनों में जब वे लोग पिकनिक या सैर सपाटे को निकल पड़ते थे – अरविंद पास की बस्ती में बच्चों, नौजवानों को पढ़ाने के लिए निकल पड़ते थे.ऐसे जुनूनी आदमी के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है. ईश्वर में अटूट बिश्वास के साथ अपनी आत्मा की आवाज़ पर आगे बढ़ते जाने का नाम ही अरविंद केजरीवाल है…. रोको मत, उसे जाने दो! नया इतिहास बनाने दो!
-जवाहर लाल सिंह. जमशेदपुर.
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